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शहर के होटल प्रबंधक अपने कर्मचारियों के प्रति उदासीन।

आर्थिक तंगी से गुजर रहे कर्मचारियों ने शासन से आर्थिक सहायता की मांग की।

जबलपुर – कोरोनावायरस की वैश्विक महामारी ने समाजिक अर्थव्यवस्था की नींव को हिला कर रख दिया है।
शहर में संचालित सभी होटलों के कर्मचारियों की संख्या तकरीबन 6 से 7000 के बीच है और यह सभी कर्मचारी अपने प्रबंधकों के उदासीन रवैया से परेशान है। मार्च की सैलरी कुछ कर्मचारियों को दो भागों में दी गई अप्रैल और मई में। लेकिन जून माह में कोई भी सैलरी नहीं दी गई। होटल के कर्मचारी अपनी जमा पूंजी की बदौलत अब तक अपना और अपने परिवार का खर्च चला रहे थे। परंतु अब गुजर बसर मुश्किल हो गया है। ऐसी स्थिति में होटल संचालकों और प्रबंधकों ने भी अपने कर्मचारियों की तरफ से मुंह फेर लिया। अपने मालिकों के उदासीन रवैया से तंग आकर सभी होटल कर्मचारियों ने अखिल भारतीय होटल कर्मचारी संघ के तहत कलेक्ट्रेट पहुंचकर एसडीएम महोदय को ज्ञापन सौंपा और अपनी समस्याओं से अवगत कराया। साथ ही अपने सभी साथियों के लिए आर्थिक सहायता की शासन से मांग की। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरताज सिद्धकी के निर्देशन में जिला अध्यक्ष शरद जाटव के नेतृत्व में सलाहकार एडवोकेट के एल जाटव के साथ होटल कर्मचारी भी अपनी समस्याएं लेकर ज्ञापन सौंपते समय उपस्थित रहे।

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