गुना की घटना को लेकर कांग्रेस का शिवराज सरकार पर निशाना।
शिवराज सिंधिया का दलित विरोधी चेहरा उजागर हुआ।
जबलपुर। गुना की घटना में जिस तरह से पुलिस का बर्बर चेहरा उजागर हुआ उसने न केवल पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया बल्कि सीधे सीधे सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। आम जनता के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी जिस प्रदेश सरकार पर है उसके ही अहम महकमें से जुड़े कर्मचारी अगर निर्दोष कमजोर और निरीह लोगों पर इस तरह डंडे बरसाएगें तो जनता में सरकार के प्रति आक्रोश पैदा होगा और पुलिस के प्रति अविश्वास। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेश प्रवक्ता टीकाराम कोष्टा ने कहा गुना में एक शासकीय जमीन के विवाद को लेकर एक गरीब दलित किसान दंपत्ति पर पुलिस द्वारा किए गए बर्बर तरीके से लाठीचार्ज की घटना को संज्ञान में लेने वाले मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पूर्व सांसद आनंद अहिरवार के खिलाफ शिवराज सिंधिया के जंगल राज का दलित विरोधी चेहरा उजागर हुआ।
कोष्टा ने कहा कि शिवराज सरकार के के आदेश पर मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष आनंद अहिरवार को कार्यालय में प्रवेश से रोका गया। इतना ही नहीं उनके चेंबर में बिना कोई लिखित आदेश सूचना के ताला जड़ दिया गया। कांग्रेस ने उपरोक्त घटना की निंदा करते हुए कहा कि दलित किसान दंपत्ति घटना पर सरकार का ध्यान आकर्षण कराना सरकार को नागुजार गुजरा। सारे नियम कानून को बलाए ताक रखकर दलित आयोग के अध्यक्ष पर कार्यवाही करना निंदनीय है। क्योंकि उनका दोष केवल यही है कि उन्होंने घटना की सही जानकारी तथ्य यह सरकार के समक्ष प्रस्तुत किए।