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खेल दिवस पर हुआ खेल प्रतिभाओं का सम्मान।

मेजर ध्यानचंद को याद किया गया।

जबलपुर। खेल हमारे जीवन में केवल स्वास्थ की दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि एक स्वस्थ मनोरंजन और एक कैरियर विकल्प भी बन रहे हैं।
हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती के अवसर पर पूरे देश में मनाया जाने वाले खेल दिवस के अवसर पर रानी दुर्गावती युवा खेल एवँ समाज कल्याण शोध संस्थान द्वारा जबलपुर संसदीय क्षेत्र के प्रतिभावान खिलाड़ियों एवँ कोच का सम्मान युथ होस्टल रानीताल में वर्चुल एवँ एक्चुल दोनों माध्यम से किया गया।

कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में नागपुर से वीसी के द्वारा जुड़े संघ प्रचारक एवँ क्रीड़ा भारती के अखिल भारतीय सह मंत्री, लोकसभा के मुख्य सचेतक साँसद राकेश सिंह के साथ ही मप्र ओलंपिक संघ के सचिव दिग्विजय सिंह, ग्वालियर से वीसी से जुड़े लक्ष्मीबाई इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन के कुलपति दिलीप दुरेहा एवँ क्रीड़ा भारती के मध्य क्षेत्र संयोजक श्री भीष्म सिंह राजपूत ने खिलाड़ियों का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता साँसद राकेश सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि खेल एक ऐसा माध्यम है जिससे न सिर्फ शारीरिक और मानसिक विकास होता है बल्कि खेल से व्यक्ति का संपूर्ण व्यक्तित्व निखरता है और आज देश ही नही दुनिया के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद जी की जयंती पर संसदीय क्षेत्र जबलपुर के जिन खिलाड़ियों का सम्मान होने जा रहा है उनके बीच आकर मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ क्योंकि इन खिलाड़ियों ने न सिर्फ जबलपुर बल्कि देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है।

साँसद राकेश सिंह ने कहा कि पहले के समय और वर्तमान समय मे अंतर आया है आज छोटा बच्चा भी खेल में अपनी रुचि रखता है और उसमें अपना कैरियर बनाना चाहता है और इसीलिए समाज के लोगो का दायित्व है कि ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों को समय समय पर सम्मानित करे जिससे बच्चों में देशभक्ति का जज़्बा पैदा हो और वह अपने परिवार, समाज, शहर के साथ देश को आगे ले जाने में अपने हिस्से का योगदान दे। राकेश सिंह ने कहा कोरोनॉ संक्रमण की वजह से यह कार्यक्रम सीमित रूप में किया गया है अन्यथा इसे भव्य रुप से आयोजित किया जाता पर अच्छी बात है कि ऑनलाइन बड़ी संख्या लोग इससे जुड़े है।

साँसद महोदय ने कहा कि अच्छे खिलाड़ी की प्रतिस्पर्धा स्वयं से होती है और स्वयं से लड़कर ही वह ऊंचाई पर पहुँचता है। आज केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के और मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज के नेतृत्व में जो सरकार है वह युवाओं की प्रतिभा को आगे लाने की दिशा में भरसक कार्य कर रही है।

कार्यक्रम को वर्चुल माध्यम से नागपुर से जुड़े क्रीड़ा भारती के अखिल भारतीय सह मंत्री श्री प्रसन्न हरदास जी ने संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह श्रीराम जी को पुरुषों के मर्यादा पुरूष कहा जाता है उसी तरह मेजर ध्यानचंद जी को खेलो का मर्यादा पुरुष कहा जाता है और उन्हीं की जयंती पर यह खेल दिवस मनाया जाता है और देश के प्रतिभावान खिलाड़ियों को सामने लाने 1990 में क्रीड़ा भारती को शुरू किया गया और तब से लगातार हम ऐसे खिलाड़ियों के लिए कार्य कर रहे है जो खेल के मैदान में देशभक्ति, संस्कार और संस्कृति के परिचायक होते है।

कार्यक्रम को मप्र ओलंपिक संघ के सचिव दिग्विजय सिंह, कुलपति दिलीप दुरेहा, क्रीड़ा भारती के मध्य क्षेत्र संयोजक भीष्म सिंह जी ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम का संचालन संयोजिका शिखा सिंह ( स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट महिला क्रिकेट टीम) ने किया।

इस अवसर पर कोच रिछपालसिंह, मुस्कान किरार (आर्चरी), शिवान्स अवस्थी (आर्चरी), रागनी मार्को (आर्चरी), रीना जैन (कराटे), विक्रांत सिंह (हैंडबॉल), नैंसी जैन (खो-खो), महिमा अग्रवाल (शूटिंग), कोच कबड्डी आनंद यादव, शानू यादव, चिराग विद्यार्थी (आर्चरी), अमित यादव (आर्चरी), गौरव सिंधिया (कराटे), कोच उमाशंकर जी ( रेसलिंग), श्रष्टि सिंह (आर्चरी), मयंक पटेल (साइकिलिंग), कोच संजय यादव (खो-खो), हर्ष गोस्वामी (वेट लिफ्टिंग) को सम्मानित किया गया।

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