ग्राम पंचायत भवन से नदारद रहते हैं कर्मचारी, भवन में लगा रहता है ताला
समनापुर जनपद के भाजीटोला ग्राम पंचायत का मामला
डिंडोरी/समनापुर। जिले के समनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत भाजीटोला में पंचायत प्रतिनिधियों की मनमानी सामने आई है। पंचायत के जिम्मेदार सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक आए दिन ग्राम पंचायत कार्यालय से नदारद रहते हैं, पंचायत भवन में हमेशा ताला लटका नजर आता है। जिससे अपनी अपनी विभिन्न कार्यों के लिए पहुंचे हितग्राहियों को जिम्मेदारों के घरों का चक्कर लगाने पड़ रहे हैं,जिससे हितग्राहियों को काफी परेशानी हो होती है। बताया गया कि भाजीटोला में ग्राम पंचायत भवन तो वर्षों से बना है,लेकिन यहां कभी कभार ही पंचायत के जिम्मेदार लोग पहुंचते हैं, जिससे हितग्राहियों को काफी परेशानी होती है, कार्य करवाने के लिए जिम्मेदारों के घरों के चक्कर काटने पड़ते हैं, स्थानीय ग्रामीणों ने जांच कराकर पंचायत के जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है,ताकि लोगों को होने वाली समस्या से निजात मिल सके।
- निर्माण कार्यों के नाम पर जमकर मनमानी।
स्थानीय ग्रामीणों की माने तो पंचायत के रोजगार सहायक सहित जिम्मेदारों द्वारा मनरेगा के कार्यों, शौचालय निर्माण, पीएम आवास, सीसी सड़क निर्माण, मेड़ बंधान सहित अन्य निर्माण कार्यों में जमकर मनमानी बरती जा रही है, निर्माण कार्यों के नाम पर लाखों रुपए की राशि आहरण करके खानापूर्ति तक निर्माण कार्यों को सीमित रखा जा रहा है। में जमकर मनमानी बरती जा रही है। आरोप लगाया गया कि मनरेगा के तहत हो रहे निर्माण कार्यों में फर्जी मस्टररोल जारी कर पैसे आहरण किए जा रहे हैं,जिससे स्थानीय स्तर पर मजदूरों व श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल पाता, जिससे आदिवासी श्रमिकों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है।स्थानीय ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों सहित अन्य की जांच कराकर पंचायत के जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई हैं।
- चहेते ठेकेदारों से करवा रहे, निर्माण कार्य। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत भाजीटोला द्वारा निर्माण कार्यों के नाम पर जमकर मनमानी बरती जा रही है, आरोप लगाया गया कि अपने चहेते के ठेकेदारों से निर्माण कार्य करवा रहे हैं, मिलीभगत करके लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा भी किया जा रहा है। बताया गया कि निर्माण कार्यों के दौरान गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाता निर्माण कार्य केवल खानापूर्ति करने के लिए की जा रही है। ग्रामीणों की माने तो पंचायत भवन कभी कभार ही खुलता है, जिससे शासन की महत्वकांक्षी जनकल्याणकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा, जिस पर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए हैं।