दिग्गजों की कमजोरी पर प्रहार, कब तक चलेगा सरकार

विंध्य की सियासत में सरगर्मी, हमलावर हुए विकास पुरुष
मुकेश चतुर्वेदी, रीवा। विंध्य की सियासत का वर्तमान स्वरूप बदले की भावना से ओत-प्रोत नजर आता है। बदले की राजनीति पर केंद्रित आवोहवा में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। विकास का ढकोसला करने वाले लीडर अब व्यक्तिगत हमला करने पर उतारू हो गए हैं। विंध्य प्रदेश के दिग्गज भाजपाई विधायकों में शुमार देवतालाब, मैहर और सीधी विधायक के सामने हमेशा सीमित भूमिका में रहने वाले प्रायोजित विकास पुरुष जब दिग्गजों से सीधा मुकाबला करने की हिम्मत नहीं दिखा पाए तो वजनदार जमीनी और वरिष्ठ भाजपा विधायकों से जुड़ी कमजोर कड़ी पर लगातार निशाना बनाना शुरू कर दिया। योजनाबद्ध तरीके से विंध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने भाजपा के ही वरिष्ठ विधायकों के सगे रिश्तेदार को अपना टारगेट बना लिया। आमने-सामने की राजनीति में अपना दमखम दिखाने के बजाय विकास पुरुष ने परदे के पीछे से वरिष्ठ भाजपा विधायकों के रिश्तेदार पर योजनाबद्ध तरीके से हमला करना मुनासिब समझा। मजेदार बात यह है कि बदले की राजनीति करने पर उतारू पूर्व मंत्री के लगातार अटैक करने के बाद भी फिलहाल वरिष्ठ भाजपा विधायकों ने किसी तरह का रिएक्शन नहीं दिया है। यही वजह है कि टीआरएस कालेज के पूर्व प्राचार्य के खिलाफ लगातार विकास पुरुष हमलावर हो गए हैं। मार्च 2020 में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 सर्मथक विधायकों की वजह से जब मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ तो पहले से मौके की तलाश में घात लगाकर बैठे विकास पुरुष ने तत्काल सीएम से करीबी संबंध होने का फायदा उठाते हुए उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से शासकीय ठाकुर रणमतसिंह महाविद्यालय के प्राचार्य को लेकर बड़ा बदलाव करवा दिया। इस वजह से टीआरएस कालेज के प्राचार्य की कुर्सी पर जूनियर डा अर्पिता अवस्थी काबिज हो गई और डॉ रामलला शुक्ल को किनारे कर दिया गया। ज्ञात हो कि टीआरएस कालेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ रामलला शुक्ल देवतालाब विधायक गिरीश गौतम, मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी और सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला के सगे रिश्तेदार हैं। इस बड़ी वजह के कारण ही प्रायोजित विकास पुरुष ने टीआरएस कालेज को नैक मूल्यांकन वर्ष 2016 में मध्य प्रदेश के अंदर सबसे अधिक सीजीपीए 3.5 अंक दिलवाने वाले पूर्व प्राचार्य डॉ रामलला शुक्ल को अपना टारगेट बना लिया। कलेक्टर, अतिरिक्त संचालक सहित जांच टीम में शामिल प्राध्यापकों को अपने पूरे प्रभाव में लेकर 14.09 करोड़ रुपए की आर्थिक अनियमितता उजागर करवाते हुए पंद्रह आरोपियों में शामिल केवल भाजपा के वरिष्ठ विधायकों के रिश्तेदार को निलंबित करवा दिया गया। मामले के शेष आरोपियों पर रहस्यमई चुप्पी निरंतर कायम है।
जन समस्याएं भूलकर विकास पुरुष ने टीआरएस में लगाया जोर
अपने सर्मथको से विकास पुरुष की उपाधि हासिल करने वाले पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव बाद मध्य प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन होते ही अचानक जन समस्याओं से दूर होकर विंध्य प्रदेश की पहचान शासकीय ठाकुर रणमतसिंह महाविद्यालय पर पूरा फोकस केंदित कर दिया। प्रायोजित तरीके से पूर्व प्राचार्य के खिलाफ शिकवा शिकायतों का दौर शुरू हो गया। जिस रीवा शहर में पिछले पंद्रह सालों से विकास की अनोखी गंगा बहाने का ढिंढोरा पिटा जाता है, वहां पर रहने वाली जनता आवागमन के लिए बेहतर सड़क और पानी निकासी के लिए व्यवस्थित नाली जैसी समस्या झेलने को निरंतर मजबूर है। वहीं विकास की प्रतिमूर्ति कहे जाने वाले रीवा विधायक जनसमस्याओं से मुंह फेर कर टीआरएस कॉलेज को अपना मुख्य मुद्दा बना चुके हैं। यही वजह है कि मार्च महीने से लगातार केवल टीआरएस कालेज ही एकमात्र ऐसी संस्था है जो बराबर सुखियों में रही है।
ऐतिहासिक आयोजन की तैयारी के कारण और बिगड़े हालात?
विंध्य प्रदेश के सियासी खेल की समक्ष रखने वालों की मानें तो टीआरएस कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ रामलला शुक्ल से विकास पुरुष की कोई निजी या व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, उनके ऊपर विकास पुरुष के इशारे पर लगातार होने वाले हमलों की सबसे बड़ी और मुख्य वजह वरिष्ठ भाजपा विधायकों से पूर्व प्राचार्य की सगी रिश्तेदारी है। विकास पुरुष ने हमेशा दूसरे अधिकारियों की तर्ज पर शासकीय ठाकुर रणमतसिंह महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ रामलला शुक्ल पर भी अपना प्रभाव जमाने का प्रयास जरुर किया पर उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। जानकारों ने बताया कि पूर्व प्राचार्य हमेशा से ही विकास पुरुष की आंखों में खटकते रहे हैं। लेकिन अचानक टसल बढ़ने की मुख्य वजह टीआरएस कालेज की स्थापना से जुड़ा भव्य और ऐतिहासिक आयोजन है। रीवा गजेटियर को महत्वपूर्ण साक्ष्य मानते हुए टीआरएस कॉलेज की जनभागीदारी समिति के लिए गए फैसले पर 150 वें स्थापना दिवस समारोह की तैयारियां तत्कालीन कालेज के प्राचार्य डॉ रामलला शुक्ल ने शुरू कर दी थी। पहली बार टीआरएस कॉलेज के पुरा छात्र छात्राओं को जोड़ने के लिए पुरा छात्र परिषद का रजिस्ट्रेशन उपरांत गठन किया गया। जिसका अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता घनश्याम सिंह को बनाया गया। परिषद का गठन होते ही आन लाइन पंजीयन शुरू करवा दिया गया। पूरे विंध्य प्रदेश में रहने वाले तमाम प्रभावशाली लोग टीआरएस कालेज के पुरा छात्र रहे हैं। भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य राजनैतिक दलों के दम-खम रखने वाले लोग जब टीआरएस कालेज के पुरा छात्र परिषद में जुड़ने लगे तब विकास पुरुष के सर्मथको ने मोर्चा संभाल लिया। इसी बीच टीआरएस कालेज के प्रस्तावित स्थापना दिवस समारोह के लिए देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आमंत्रित करने के लिए पुरा छात्र परिषद अध्यक्ष अधिवक्ता घनश्याम सिंह, टीआरएस कालेज के डा एसपी शुक्ल, सतना सांसद गणेश सिंह के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंच गए। सतना सांसद से जुड़ी सूचना मिलते ही विकास पुरुष को जोरदार झटका लगा और वे पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक हो गये।
खुलकर नहीं किया विरोध, परदे के पीछे से किया खेल
विंध्य प्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ विधायकों में शुमार सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला, देवतालाब विधायक गिरीश गौतम और मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी के खिलाफ अपनी भड़ास निकालने के लिए ही विकास पुरुष ने टीआरएस कालेज के पूर्व प्राचार्य को अपना टारगेट बना लिया। दिग्गज भाजपा विधायकों के रिश्तेदार डॉ रामलला शुक्ल का कभी भी खुलकर विकास पुरुष ने विरोध नहीं किया। हमेशा परदे के पीछे बैठकर ही मास्टरमाइंड षड्यंत्र को अंजाम दिया गया है। राजनैतिक सूत्रों की मानें तो पूर्व प्राचार्य डॉ रामलला शुक्ल के पीछे नहा धोकर पीछे पड़ने का सबसे बड़ा कारण डॉ शुक्ला की देवतालाब, सीधी और मैहर विधायक से रिश्तेदारी ही है।