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मेल-मिलाप के बाद मंत्रिमंडल विस्तार में लगी टकटकी

बालाजी यात्रा पर सीएम, घोषणा में लगेगा और समय
रीवा दर्पण। उपचुनाव में मिली रोचक जीत के बाद भाजपा सरकार और आलाकमान गदगद है। दीपावली पर्व के अवसर पर राजनैतिक मेल मिलाप का दौर थमने के बाद से भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनैतिक सरगर्मी उफान पर पहुंच गई है। भाजपा कैबिनेट में पांच मंत्री पद रिक्त होने के साथ ही उपचुनाव के दौरान तीन और मंत्री पद इसलिए खाली हो गए हैं, क्योंकि राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के तीन सर्मथक मंत्री उपचुनाव हार गए हैं। इस तरह से अब मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में करीब आठ पद मंत्री के और भरे जाएंगे। फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार के लिए चल रही कवायद के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तिरुपति बालाजी की यात्रा पर जा रहे हैं। सीएम की मध्यप्रदेश वापसी के बाद ही भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई फैसला लिया जाएगा। फिलहाल सरकार में शामिल होने की जद्दोजहद में लगे समस्त दावेदारों की धड़कनें तेज हो गई हैं। हर समय उनके दिलो-दिमाग में केवल मंत्री पद की लालसा बनी रहती है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि मंत्री पद को कौन-कौन से दावेदार सुशोभित करेंगे। फिलहाल अपनी जगह भाजपा सरकार में पक्की कराने के लिए सभी दावेदार अपने अपने हिसाब से राजनैतिक आकाओं को सेट करने में लगे हुए हैं। सरकार में मंत्री बनने की लालसा लेकर इन दिनों दावेदारों की मुस्तैदी दिल्ली और राजधानी भोपाल में बराबर देखने को मिल रही है।

संघ पदाधिकारियों के साथ मंथन करेंगे मुख्यमंत्री
भाजपा सरकार अपनी मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को नजरंदाज नहीं करना चाहती है, क्योंकि ऐसा किए जाने पर घातकीय परिणाम सामने आ जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बालाजी की यात्रा से लौटने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ गहन विचार मंथन करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर अंतिम फैसला लिया जा सकेगा। सरकार और संगठन जिन नामों की लिस्ट तैयार करेगा। उसी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंथन करेंगे। फिलहाल सीएम की धार्मिक यात्रा से लौटने का सभी दावेदार बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

विंध्य प्रदेश में आसान नहीं है दावेदार का चयन
विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान विंध्य प्रदेश में ऐतिहासिक सफलता हासिल करने वाली भाजपा के लिए उपचुनाव जीत के बाद मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला बहुत जोखिम भरा है। चुनावी जीत के बाद एक बार फिर विंध्य प्रदेश को भाजपा सरकार में उपयुक्त स्थान दिए जाने की मांग लगातार जोर पकड़ती जा रही है। सीएम शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा के लिए मंत्रिमंडल के लिए विंध्य प्रदेश में संभावित दावेदारों का चयन करना कदापि आसान नहीं है। फिलहाल अमरपाटन विधायक रामखेलावन पटेल भाजपा सरकार में मंत्री है। उधर उपचुनाव की जीत के बाद अनुपपुर विधायक बिसाहू लाल साहू मंत्री पद के प्रबल दावेदारों में शुमार हो गये हैं। इसके अलावा पंद्रह साल मंत्री पद का जलवा बिखेर चुके पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल एक बार फिर अपने तमाम राजनैतिक संबंधों के सहारे भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल में जगह बनाने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं। रोचक बात यह है कि पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की खास पसंद बताए जाते हैं। हालांकि संगठन में उनकी पकड़ समय के साथ जरुर कमजोर हो गई है। उधर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी पूर्व मंत्री की संघ विरोधी गतिविधियों के कारण अपनी धारणा को बदल चुका है। भाजपा सरकार के प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल होने के लिए मजबूत दावेदारी करने वालों में पूर्व मंत्री रामपाल सिंह, गौरीशंकर बिसेन, मेंदोला सहित कुछ और वरिष्ठ भाजपा विधायकों ने अपना मोर्चा संभाल लिया है।

वरिष्ठ भाजपा विधायकों में गिरिश गौतम बड़े दावेदार
पंद्रह साल रीवा में विकास की प्रायोजित गंगा बहाने वाले पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल के लिए पुनः मंत्रिमंडल में जगह बनाना बिल्कुल आसान नहीं है। विंध्य प्रदेश में वरिष्ठ भाजपा विधायकों ने स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा से मुलाकात करते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में अपनी जगह के लिए मजबूत दावेदारी पेश कर दी है। वरिष्ठ भाजपा विधायकों में मंत्री बनाने के लिए सबसे पहला और वजनदार नाम देवतालाब विधायक गिरीश गौतम का है। इसके साथ ही गुढ विधायक नागेंद्र सिंह, सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला की वरिष्ठता के कारण मजबूत दावेदारी भाजपा सरकार और संगठन के लिए मुसीबत बढ़ा सकती है। विंध्य प्रदेश के ये वही वरिष्ठ भाजपा विधायक हैं, जिन्होंने खुलकर प्रायोजित विकास पुरुष का सरकार, संगठन के साथ साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तक विरोध दर्ज कराया था। जिसके कारण मार्च 2020 में बनी भाजपा सरकार से विकास को बाहर करने का बड़ा फैसला लिया गया था। ऐसे में वरिष्ठ भाजपा विधायकों को दरकिनार करते हुए पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल को मंत्रिमंडल में शामिल करना कदापि आसान नहीं होगा। विंध्य प्रदेश से मंत्री का ताज किसके सिर पर होगा, इस बात का फैसला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संगठन की मंत्रणा के बाद ही तय होगा।

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