अयोध्या के बाद अब मथुरा काशी की तैयारी।
हिंदू सेवा परिषद द्वारा दीपोत्सव का आयोजन।
जबलपुर। अयोध्या पर राम मंदिर बनने के फैसले को हासिल कर देश का सनातन धर्म के मानने वालों के लिए एक रास्ता खुल गया है। मथुरा और काशी के लिए। अयोध्या के फैसले के बाद हिंदू संप्रदाय एक हुआ है और उसने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी शुरू की है।
गर्व है कि हम संप्रदायिक हिंदू हैं। जिस तरह से हिंदू एकजुट होकर आगे बढ़ रहा है, इससे सिद्ध होता है की हमारा हिंदू राष्ट्र का सपना पूरा होगा, हम तलवार की लड़ाई के आगे कलम की लड़ाई लड़ेंगे। “अयोध्या हुई हमारी अब मथुरा काशी और भोजशाला की है बारी” यह उदगार हिंदू सेवा परिषद द्वारा आयोजित दीपोत्सव एवं हिंदू धर्म सभा मैं हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के संरक्षक श्री राम जन्मभूमि अभियोग के अधिवक्ता एवं लखनऊ उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि श्रीराम कण कण में व्याप्त हैं , राम मंदिर का टूटना अपनों के धर्म निष्ठ नहीं होने से हुआ था, अब व्यक्तिगत स्वार्थ से हटकर समाज और धर्म के लिए हम सभी को कुछ करना होगा। मैं जब तक जिंदा हूं अंतिम सांस तक हिंदुत्व के लिए कार्य करूंगा। इस अवसर पर श्री कृष्ण जन्मस्थली अभियोग के याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहां की मंदिर मस्जिद की लड़ाई राजनैतिक अथवा व्यक्तिगत नहीं थी, इसका एकमात्र उद्देश्य हमारे धर्म और भगवान के साथ जो अन्याय हुआ था, उसकी लड़ाई थी।
इस्लामिक आक्रमणकारियों ने लगातार वर्षों तक मंदिर तोड़कर उन्हें लूटा, औरंगजेब को पूजा पद्धति एवं मूर्तियों से शिकायत थी। यह वो दर्द था जो भक्तों को अपने आराध्य के लिए होता है। हिंदू राष्ट्र के लिए फिदाइनो की भांति अपनी महत्वाकांक्षाओं को जलाकर राख कर देना चाहिए। इस अवसर पर मंचासीन डॉक्टर स्वामी मुकुंद दास जी महाराज कोमा आचार्य धीरेंद्र पांडे जी, हाइ कोर्ट बार अध्यक्ष रमन पटेल, हिंदू चिंतक आनंद जकोडिया, अतुल जेसवानी , धीरज ज्ञानचंदानी ने भी हिंदू राष्ट्र अपने विचार रखें कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। अतिथियों का स्वागत एवं स्मृति चिन्ह जिला अधिवक्ता संघ के सुधीर नायक, मनीष तिवारी, डीआर जेसवानी, सौरभ जैन , नितिन सोन पाली, बबलू पटवा , उत्कर्ष रावत , अक्षय झा, बंटी लालवानी राजा रजक संजू पटेल बृजेश लोधी अतुल कुशवाहा आदि ने किया।_