स्वामी प्रज्ञा नंद की विरासत पर, बलात्कार की आरोपी ने किया कब्जा।
स्वामी प्रज्ञा नंद की विरासत पर,
बलात्कार की आरोपी ने किया कब्जा।
करणी सेना के साथ मिलकर संचालिका ने लगाए, गंभीर आरोप।
जबलपुर। स्वामी प्रज्ञानंद के जीवन भर का साथ, प्रज्ञा धाम आश्रम मैं रहने वाले साधकों के साथ बना रहा।
लेकिन उनके जाने के बाद उनकी विरासत पर अवैध कब्जा हो गया है।
करणी सेना के साथ मिलकर यह आरोप लगाए हैं प्रज्ञा धाम की संचालिका ऋचा दीदी ने।
वर्तमान में साईं लोक कल्याण न्यास प्रज्ञा धाम कटंगी, की न्यास, पीठ पर विभानंद विजया भूप विराजमान है। आरोपों के अनुसार ये एक गृहस्थ महिला हैं। जो सन्यासी की न्यास पीठ पर बैठी हुई हैं। जबकि कोई भी ग्रहस्थ बच्चे वाली महिला, प्रज्ञा साईं लोक कल्याण न्यास की प्रधान नहीं बन सकती। साल 2006 में न्यास के बायलॉज में,जिस नियमावली का पालन विभा को करना चाहिए था। उन्होंने उसका उल्लंघन किया।
नियम विरुद्ध हो रहा है,भागवत कथा का आयोजन।
वर्तमान समय में भागवत कथा जैसे धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध है। लेकिन शासन के नियमों को तोड़ते हुए, प्रज्ञा धाम कटंगी में, विभानंद, चक्रानंद के साथ, और भी लोगों ने भागवत कथा का आयोजन किया। 24 जुलाई 2021 को, एक विशाल भंडारा कराने जा रहे हैं। आश्रम में अवैध कब्जे के लिए, गोपनीय योजना भी बनाई गई है।
ये आरोप लगाए हैं करणी सेना के जिला अध्यक्ष दीपक सिंह चौहान के साथ, प्रज्ञा धाम कटंगी की संचालिका ऋचा दीदी ने।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया, कि विभानंद ने, उज्जैन के कुंभ में खुद को ब्रह्मचारिणी बताकर, महंत का पद हासिल किया था।
ट्रस्ट के उद्देश्य का कोई काम नहीं किया।
ट्रस्ट की स्थापना के उद्देश्य के तहत, जो कार्य बायलॉज के अनुसार किए जाने चाहिए थे। वह नहीं किए गए। प्रज्ञा नेत्र चिकित्सालय, प्रज्ञा साईं आरोग्य निकेतन, प्रज्ञा योग प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, प्रज्ञा योग नारी निकेतन, सर्वधर्म समभाव से संबंधित कोई भी कार्य, अब तक नहीं हुए हैं। इसके अलावा विभानंद, सुप्रीम कोर्ट से बलात्कार के एक मामले में, जमानत पर चल रही है। माधुरी जैन बलात्कार कांड में अभियुक्त हैं।
इसके अलावा न्यास की संपत्ति रजिस्टर ऑफ ट्रस्ट के अनुमति के बिना मॉडगेज नहीं की जा सकती। लेकिन सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज ले लिया गया है। न्यास विधि संग्रह 1951 की नियमावली का विभानंद द्वारा पूर्णतः उल्लंघन किया जा रहा है।
इसके अलावा यह भी कहा गया कि स्वामी प्रज्ञानंद ने अपनी वसीयत में, ऋचा का नाम लिखा है। जो कि पिछले 5 वर्षों से प्रज्ञा धाम में रह रही हैं। आश्रम के संपूर्ण क्षेत्र की देखभाल करती हैं। जबकि विभा नंद एक ऐसी स्वयंभू सन्यासी हैं। जिनके नाम वसीयत नहीं है। मगर फिर भी वह ट्रस्ट एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही हैं। इसकी रिपोर्ट एसडीएम पाटन और कलेक्टर को भी जा चुकी है। परंतु इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए, प्रदेश संयोजक यादवेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश संगठन मंत्री शैलेंद्र सिंह झाला, संभाग प्रभारी कुमारी जासवेंद्र भारद्वाज, करणी सेना के जिला अध्यक्ष दीपक सिंह चौहान, प्रज्ञा धाम की संचालिका ऋचा दीदी, जिला मीडिया प्रभारी जेपी सिंह, कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक सिंह,अर्पित सिंह ठाकुर के साथ साधु संतों की भी उपस्थिति रही।
स्वामी प्रज्ञानंद जी महाराज ने, हजारों की भीड़ के सामने, मुझे ही अपना उत्तराधिकार सौंपा है। परम पूज्य गुरुदेव की आज्ञा अनुसार उनके बाद मैंने आशंका पूरा कार्यभार संभाला है मुझ पर जो भी आरोप लग रहे हैं यह निराधार है जिस बलात्कार के आरोप के विषय में पत्रकार वार्ता के माध्यम से मीडिया में कहा गया है वह केवल एक छेड़छाड़ का मामला था। वर्तमान में मेरा उस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। जहां तक जमीन को गिरवी रख कर लोन लेने की बात है यह भी झूठी है जब गुरुदेव जीवित है उस समय उन्होंने केसीसी के तहत खेती के लिए कुछ पैसा जरूर लिया था।
जिन लोगों ने हम पर यह आरोप लगाए हैं हम उन पर मानहानि का दावा करने जा रहे हैं।
साध्वी विभानंद दीदी
प्रज्ञा धाम आश्रम कटंगी।