बाल संस्कार शाला में गढ़ी जा रही संस्कारवान पीढ़ी गायत्री परिवार के द्वारा किया जा रहा कार्य
जबलपुर। बच्चे भविष्य के निर्माता एवं भारत की नींव हैं, यह नींव जितनी मजबूत एवं संस्कारवान होगी देश उतना ही शक्तिशाली और मजबूत होगा। इसी उद्देश्य के साथ समाज निर्माण के उपक्रम में गायत्री परिवार जबलपुर की इकाई दिया द्वारा ऑनलाइन बाल संस्कार शाला का आयोजन मई माह के अंतिम रविवार से प्रारंभ गूगल मीट से किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न राज्यों के लगभग 250 बच्चें, 6 वर्ष से 16 वर्ष ने भाग लिया, जिसमें जीवन जीने की कला, व्यक्तित्व विकास, कैसी हो दिनचर्या, स्वास्थ्य प्रबंधन, विभिन्न योगाभ्यास, परीक्षा में अच्छे अंक कैसे प्राप्त करें, इत्यादि विषयों पर विभिन्न एक्सपर्ट एडवाइस के माध्यम से सामाजिक मनोवैज्ञानिक विश्लेषण के माध्यम से बच्चों में सद्गुणों का विकास किया जा रहा है।
इस अवसर पर बाल मनोवैज्ञानिक एवं वेक अप काउंसलिंग सेंटर की प्रमुख पायल चौरसिया एवं विवेकानंद केंद्र से मोहन चक्रवैश्य ने बच्चों में आध्यात्मिक, वैज्ञानिक एप्रोच विषयों पर बच्चों के निर्माण में विभिन्न शोधों के माध्यम से प्रकाश डाला। जहां विभिन्न विषयों पर एक्सपर्ट के माध्यम से बच्चों के मनोवैज्ञानिक के साथ.साथ विभिन्न एक्टिविटी के माध्यम से राजेश गोस्वामी ने शारीरिक रूप से शारीरिक क्षमता बढ़ाने पर प्रकाश डाला। वहीं प्रकाश सेन मध्यप्रदेश बाल संस्कार शाला प्रभारी आधुनिक समय में बच्चों को विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक टीव्ही चैनल्सों से बचने के उपाय बताएं। इस दौरान वीर बहादुर राजपूत, स्वाति मोदी, कामिनी कश्यप, प्रधान ट्रस्टी प्रमोद राय, प्रकाश सेन, घनश्याम बर्मन, रवि दर्शन चौकसे, प्रमेन्द्र जाट का विशेष सहयोग रहा।