भगवान श्री विश्वकर्मा के पूजन दिवस पर होंगे विविध आयोजन
जबलपुर। आज सृष्टि के रचियता श्री भगवान श्री विश्वकर्मा का पूजन दिवस कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। भगवान श्री विश्वकर्मा के पूजन दिवस को लेकर एक दिन पूर्व से ही संस्कारधाानी व ग्रामीण क्षेत्रों में विश्वकर्मा समाज के सामाजिकबंधुओं के द्वारा सांस्कृति व धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं पूजन दिवस पर आज विभिन्न समिति, संस्थाओं, कारखानों, व्यापारियों के द्वारा भगवान श्री विश्वकर्मा का पूजन दिवस बड़ी ही उत्साह व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। सृष्टि के रचयिता के लिए आज के दिन मजदूर, श्रमिक, इंजीनियर, कारखाने, निर्माण ऐजेंसियां आदि सभी निर्माण से जुड़े हुए कार्य को बंद रखकर भगवान श्री विश्वकर्मा का पूजन दिवस मनाएंगे।
श्री विश्वकर्मा वैदिक देवताओं में से एक हैं, ऋग्वेद में उन्हें जल, पृथ्वी, प्राणी आदि के निर्माता कहा गया है, अथर्ववेद, वाजनसनेयी संहिता, ब्राहम्णों एवं पुराणों में उनका गौरवपूर्ण उल्लेख है। वाजसनेय संहिता में उन्हें सर्वद्रष्टा प्रजापति भी कहा गया है। शतपथ ब्राहम्ण के अनुसार वे विधाता प्रजापति है, महाभारत एवं पुराणों में श्री विश्वकर्मा को देवताओं का महान शिल्प शास्त्री तथा स्वयांभुव भन्वंतर के शिल्प प्रजापति कहकर गौरवान्वित किया गया है।
इसलिए विश्वकर्मा शब्द से किया जाता है संबोधित
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भगवान श्री विश्वकर्मा की माता वरस्त्री ने उच्च कोटि की योग साधना की थी और सारे विश्व का भ्रमण किया था। वह इस कारण योगसिद्ध नाम से विख्यात थी। श्री विश्वकर्मा ने अपने माता पिता की कुशाग्र, बुद्धिमता, मूलग्राही , प्रज्ञा एवं त्यागमय जीवन के संस्कार पाये थे, वे कर्मशील और तप:पूत थे, मातुल बृहस्पति के समान से सर्वज्ञाता थे। समाज धारणा के लिए उन्होंने अनेक स्वस्थ व्यवस्थाएं निर्माण की। संयोगवश रचना नामक स्त्री से ही उनका विवाह हुआ था, यह भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद की पुत्री थी, रचना श्री विश्वकर्मा के जीवन की आस्था थी। इस लिए विश्वकर्मा शब्द बड़े व्यापक अर्थ में प्रयुक्त है।
निर्माताओं का महल व झोपड़ी से नाता
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सृष्टि रचयिता के पास कुछ नहीं होता है यह आज भी उतना ही प्रासंगिक है। यह इस तथ्य से स्पष्ट होता है कि आज भी बड़े-बड़े भवन और स्वर्ग की आभा देने वाले महलों के रचयिता स्वयं अपने लिए झोपड़ी तक नहीं बना पाते, न जाने कितने वे रचयिता ऐसे होगें जिन्होंने पूरे विश्व का निर्माण किया और स्वयं झोपड़ी के लिए मुहताज हैं। वहीं दुनिया के ज्ञात इतिहास में भगवान विश्वकर्मा ही एकमात्र हैं जिन्होंने राष्ट्रजीवन से जुड़े विविध पहलुओं का समयक अभ्यास करते हुए अपनी असामान्य प्रतिभा से अनेक उपयुक्त साधनों का और यंत्रों का विकास किया। वे ललित कलाओं के भी मर्मज्ञ ज्ञाता थे। संगीत कला, नृत्य, चित्रकला, वास्तुशिल्प कला आदि कलाओं से युक्त सांस्कृतिक वैभव के एक मात्र स्त्रोत श्री विश्वकर्मा है।
महाकौशल विश्वकर्मा विकास परिषद को दो दिवसीय कार्यक्रम
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महाकौशल विश्वकर्मा विकास परिषद के द्वारा भगवान श्री विश्वकर्मा के पूजन महोत्सव के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत गुरूवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम मानकुंवर मैरिज गार्डन आईटीआई माढ़ोताल में आयोजित हुए। इस दौरान समाज के विभिन्न सामाजिकबंधुओं का सम्मान किया गया और उनकी प्रतिभाओं को सम्मान के माध्यम से निखारने का प्रयास किया गया। इसके उपरांत 17 सितम्बर दिन शुक्रवार को भगवान श्री विश्वकर्मा का मंदिर आरटीओ कार्यालय परिसर आईटीआई में भगवान श्री विश्वकर्मा का पूजन, अनुष्ठान, अभिषेक व प्रसाद वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस दौरान उपस्थिति की अपील रविन्द्र विश्वकर्मा रवि, विजय विश्वकर्मा, रोशन विश्वकर्मा, मनोहर विश्वकर्मा, राजीव विश्वकर्मा, सुखचैन विश्वकर्मा, गणेश प्रसाद विश्वकर्मा, प्रदीप विश्वकर्मा, अशोक विश्वकर्मा, प्रमोद विश्वकर्मा, आनंद विश्वकर्मा, पुरूषोत्तम विश्वकर्मा आदि ने की है।
विश्वकर्मा सेवा महासंघ के द्वारा किया जाएगा पूजन
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विश्वकर्मा सेवा महासंघ मप्र के द्वारा शहनाई मैरिज गार्डन शताब्दीपुरम में दोपहर को भगवान श्री विश्वकर्मा के पूजन दिवस के अवसर पर भगवान श्री विश्वकर्मा का पूजन-पाठ कर कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए प्रसाद का वितरण किया जाएगा। इस दौरान धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें उपस्थिति की अपील विश्वकर्मा सेवा महासंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र विश्वकर्मा जित्तू, रमेश विश्वकर्मा, दीपक विश्वकर्मा, शिव विश्वकर्मा, आशीष विश्वकर्मा, शरद विश्वकर्मा, सचिन विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा पिन्टू, अजय विश्वकर्मा बंन्टी, शरद विश्वकर्मा रिंकू, प्रशस्त विश्वकर्मा, शिवेन्द्र विश्वकर्मा, आशीष विश्वकर्मा, रीतेश विश्वकर्मा, करन विश्वकर्मा, दिव्यांशु विश्वकर्मा आदि ने की है।
भगवान श्री विश्वकर्मा का होगा महाअभिषेक
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श्री विश्वकर्मा महासंगठन मप्र के द्वारा तुलाराम चौक स्थिति भगवान श्री विश्वकर्मा के मंदिर में भगवान श्री विश्वकर्मा का पूजन व महाअभिषेक किया जाएगा, जिसके उपरांत महाआरती व प्रसाद का वितरण होगा। जिसमें उपस्थिति की अपील श्री विश्वकर्मा महासंगठन के अध्यक्ष शरद विश्वकर्मा, ओपी विश्वकर्मा, रमेश विश्वकर्मा, केके विश्वकर्मा, रामबाबू विश्वकर्मा, कमलेश विश्वकर्मा, अरविन्द्र विश्वकर्मा बंटी, विनोद विश्वकर्मा, अजय शर्मा आदि ने की है।
जानकी बाई ट्रस्ट के द्वारा किया जाएगा कार्यक्रम
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आज भगवान श्री विश्वकर्मा के पूजन दिवस के अवसर पर श्री छकौड़ी राम जानकी बाई गुरू विश्वकर्मा मंदिर ट्रस्ट तुलाराम चौक पर प्रात: 10:30 बजे भगवान श्री विश्वकर्मा का महाभिषेक, पूजन, हवन, महाआरती के उपरांत प्रसाद वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें उपस्थिति की अपील रविन्द्र विश्वकर्मा हंस आदि ने की है।
विश्वकर्मा समाज संगठन के द्वारा होंगे विविध आयोजन
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विश्वकर्मा समाज संगठन के द्वारा गढ़ा में भगवान श्री विश्वकर्मा के पूजन दिवस पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें भगवान श्री विश्वकर्मा का पूजन, अर्चना के उपरांत प्रसाद वितरण होगा। कार्यक्रम में उपस्थिति की अपील विश्वकर्मा समाज संगठन के हरिशंकर विश्वकर्मा, दशरथ विश्वकर्मा, शिव कुमार विश्वकर्मा, सुधीर विश्वकर्मा, आंनद विश्वकर्मा आदि ने की है।
प्रगति संघ के द्वारा किया जाएगा पूजन-पाठ
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विश्वकर्मा प्रगति संघ बलीराम विश्वकर्मा, नरेन्द्र विश्वकर्मा, त्रिलोकी विश्वकर्मा, प्रेम विश्वकर्मा, केदार शर्मा, हेमन्त कुमार, भूपेन्द्र विश्वकर्मा, रीतेश झा आदि ने बताया कि कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए न्यू कंचनपुर स्थित विश्वकर्मा प्रगति संघ कार्यालय में भगवान श्री विश्वकर्मा का पूजन पाठ किया जाएगा।
बरेला में भी दो दिवसीय कार्यक्रम
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श्री विश्वकर्मा संगठन बरेला के द्वारा श्री विश्वकर्मा मंदिर बस स्टैण्ड बरेला में पूजन दिवस को लेकर दो दिवसीय आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 16 सितम्बर को अखण्ड रामायण पाठ व 17 सितम्बर को रामायण पाठ का समापन, हवन-पूजन एवं प्रसाद वितरण किया जाएगा। जिसमें उपस्थिति की अपील श्री विश्वकर्मा संगठन बरेला के पदाधिकारियों ने की है।