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सड़क का हाल बदहाल और जनता होगी कंगाल

जनप्रतिनिधियों से क्या आस लगाएँ ये तो खुद लगते हैं तँग फटे हाल....

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अर्थव्यवस्था की गति को रफ्तार देती सड़कें देश के विकास एजेंडे में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सड़कें उत्पादकों को बाज़ार से, श्रमिकों को नौकरियों से, छात्रों को स्कूल से और बीमारों को अस्पताल से जोड़ती हैं। हालाँकि सड़कें विकास में केवल तभी योगदान दे सकती हैं जब वे यात्रियों के लिये सुरक्षित हों। कुछ रिपोर्टों की मानें तो सड़क सुरक्षा सप्ताह के अनुसार वैश्विक स्तर पर सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष 1.35 मिलियन से अधिक मौतें होती हैं एवं 50 मिलियन से अधिक लोगों को गंभीर शारीरिक चोटें आती हैं। देश के विकास में मानव पूंजी के महत्त्व को देखते हुए उक्त आँकड़ा गंभीर चिंता का विषय है। आवश्यक है कि सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करते हुए इस संदर्भ में आवश्यक उपायों की खोज की जाए।

तो यही है लोकतंत्र-लोकतन्त्र की परिभाषा के अनुसार यह “जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन है”लोकतंत्र का अर्थ लोक+तंत्र, लोक यानी जनता और तंत्र मतलब शासन लोगों का राज या यूं कहें जनता ही सर्वोपरि, इस लोकतंत्र में जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों को जनता के लिए विकास के एजेंडे से लेकर उनके समस्त हितोपार्थ का दायित्व इनको सौंपा जाता है सरकार के तीन अंग विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका उसी प्रकार अगर यह कहा जाए कि सरकार के जनता के प्रति मुख्य जवाबदेही में बीजली सड़क और पानी जो जीवन प्रत्याशा की मुख्य वस्तुओं में से एक हैं पर इन प्रत्याशाओं को पूर्ण करने में जनप्रतिनिधियों के पसीने छूट रहे हैं खुद जनता के दिये टैक्सो से दर्जनो सुविधाएं और वेतन भोगी ये खादीधारी जनता को अच्छी सड़क नही दे पा रहे हैं और खस्ताहाल सड़को का टैक्स वसूलने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं मानो इनकी आंखों का नीर और शरीर की हया कहीं फाँक मार रही है ऐसा ही हाल अब शहडोल जिले का हो चला है जहाँ बुढार-खैरहा मार्ग अव्यवस्था और गड्ढों की मार झेल रहा है तो शहडोल-ब्यौहारी गड्ढे युक्त सड़क का भुगतान भी अब जनता से वसूला जाएगा धन्य है इस सम्भाग के मंत्री,सांसद,विधायक और विपक्ष में बैठे नेता।

टोल टैक्स के निर्देश जनता का हाल बेहाल,और नेता फटेहाल-बीते दिनों मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार रीवा-ब्योहारी-शहडोल मार्ग (एनएच-57) पर स्थित रोहनिया टोल प्लाजा एवं टेटका चेक पोस्ट पर उपभोक्ता शुल्क टोल दरों का निर्धारण किया गया है। निर्धारण मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा ब्योहारी-शहडोल मार्ग खंड राज्य राजमार्ग के 80 किलोमीटर से 165 किलोमीटर तक (मार्ग की कुल लंबाई 85 किलोमीटर) के उपयोग के लिए यांत्रिक वाहनों पर उपयोगकर्ता शुल्क टोल स्थान 152.400 किलोमीटर ग्राम रोहनिया अथवा स्थान 111.400 किलोमीटर ग्राम टेटका पर 20 अक्टूबर की सुबह 8:00 बजे से देय होगा। उन्होंने बताया कि, उक्त स्थानों में टोल दरें कार 50 रूपए, हल्के वाणिज्यिक यान 125 रुपए, बस 255 रूपए, ट्रक 310 रुपए एवं मल्टी एक्सेल ट्रैक 620 रुपए टोल दरें प्रति यात्रा के आधार पर 31 अगस्त 2022 तक प्रभावी होगा तथा अनुबंधानुसार वाहनों पर मासिक पास 145 रूपए देय होगा।
बड़ा ताज्जुब लगता है इस निर्देश को पढ़कर यह तो ऐसा हुआ कि कुकर्म हम करें सजा किसी और को मिले अरसों से शहडोल-ब्यौहारी जर्जर और गड्ढे युक्त सड़क ने सैकड़ो जानें ले ली तो गड्ढों से रोजाना गुजरने वाले उन राहगीरों के अस्थिपंजरो और वाहन चालकों से पूँछे जो अपने मंहगी वाहनों को इन घुटनो तक आने वाले गड्ढों से लेकर मार्ग से गुजरते हैं सवाल यहाँ गड्ढों तक होता तो ठीक भी था अब सरकार अच्छे रोड नही अपितु गड्ढों का टैक्स वसूलेगी ऐसे में शहडोल के प्रभारी मंत्री,ब्यौहारी विधायक, जयसिंहनगर विधायक, सांसद व अन्य पक्ष-विपक्ष के जनप्रतिनिधियों के शाबासी के पीठ थपथपाने का मन तो जरूर करता है जिन्होंने शहडोल को विकास तो नही दिया पर विनाश हुए सड़को का मरम्मत कराने की बजाय उन सड़को का जनता से मूल्य माँगेगे

क्या शहडोल की जनता भी इन कूपमंडूबो की भाँति ही यह देखती रहे-गोहपारू, जयसिंहनगर और ब्यौहारी तीनो को मिलाकर लगभग 200 ग्राम पंचायतें और शहडोल, बुढार, धनपुरी,बकहो,नगरपालिका, नगरपरिषदो का विकास ऐसी सड़को से जुड़ा है जिस जिले या शहर के जनप्रतिनिधियों का ध्यान जनहितार्थ में न हों उस जिले या शहर के जनता को स्वयं मंथन कर ऐसे ज्वलंत विषयो पर सड़कों पर उतरना चाहिए कि जब सड़क ही नही तो किस बात टैक्स, क्या सरकार के पूरे नुकसानों का नफा जनता ही चुकाएगी फिर कैसा लोकतंत्र या यूं कहें फिर जनता सर्वोपरि कहाँ हुआ,जनता द्वारा दिए गए टैक्स से जिस सड़क का विकास नही हो पाया उस सड़क का मूल्य पुनः जनता चुकाएगी यह तो अब जनता को सोचना चाहिए कि कब तक इन खादीधारियो को चुनकर अपने मेहनत के कमाए हुए पैसों से इनको समस्त सुविधा मुहैया कराएं और स्वयं तँग फटे हाल सड़को का कर्ज भुगतान करें।

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