ऑर्डीनेंस फैक्ट्रीयों के साथ अव्यवहारिक निगमों के बायकाट करने पर सभी रक्षा सिविलियन कर्मचारियों का किया अभिनंदन

जबलपुर दर्पण। 220 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक ऑर्डीनेंस फैक्ट्रीयों को भारत सरकार द्वारा साथ व्यवहारिक निगम को शो केस में सजा कर राष्ट्र को समर्पित करने का समारोह कुछ इस तरह आयोजित किया गया जैसे कि बहुत ही बड़ा लक्ष्य हासिल कर लिया गया हो । रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा 7 निगमों की बड़ी मनमोहक छवि देश के समक्ष प्रस्तुत की गई जबकि पहले से मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर , भवन, मशीन , कार्यबल, अफसर, कर्मचारी सभी कुछ पुराना है सिर्फ नया नामकरण कर दिया गया है, और पहले से राष्ट्रीय संपत्ति को पुनः राष्ट्र को समर्पित करने का ढोंग रचा गया है। ऑर्डीनेंस फैक्ट्री बोर्ड के समय IOFS ऑफिसर जो कि दशकों से मौजूद थे अचानक प्रोफेशनल मैनेजर बन गए , उन्हीं अफसरों में से सीएमडी तथा डायरेक्टर बनाए गए हैं , जबकि कुछ समय पहले तक इन्हीं अधिकारियों और कर्मचारियों पर उत्पादन से संबंधित तरह-तरह के लांछन लगाए जाते रहे हैं । जब जब देश पर विपत्ति आई वांट फैक्ट्री कर्मियों ने सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सतत उत्पादन कर देश की सीमाओं की रक्षा में अपना योगदान दिया है । 1962, 1965 तथा 1971 कारगिल युद्ध कोई भी समय रहा हो, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कर्मचारियों ने हमेशा ही अपने आप को साबित किया । ऑर्डीनेंस फैक्ट्रीयों का विखंडन शासकीय संपत्ति तथा देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। निजी कारपोरेट घरानों को राष्ट्रीय संपदा सौंपने की तैयारी की जा रही है। निगमीकरण के मसले पर एक फेडरेशन द्वारा सरकार का साथ दिए जाने के बाद भी सरकार निगमीकरण के विरोध में कर्मचारियों का मनोबल नहीं तोड़ पाई है। 41ऑर्डीनेंस फैक्ट्रीयों के सभी कर्मचारियों द्वारा 15 अक्टूबर के निगमीकरण राष्ट्र को समर्पण के कार्यक्रम का परिवार सहित बहिष्कार किया गया। सभी कर्मचारियों की टीवी सेट बंद रहे । हम रक्षा विभाग के सभी सिविलियन रक्षा कर्मचारियों एवं उनके परिजनों का अभिनंदन करना चाहते हैं उन्होंने अपनी एकजुटता को कायम रख ऑर्डीनेंस फैक्ट्री ओं के निजीकरण के विरोध की मशाल को लगातार जलाए रखा है। ऑडनेंस फैक्ट्री कर्मचारियों का संघर्ष सतत जारी रहेगा।