रामायण के रचयिता आदिकवि महर्षि वाल्मीकी की मनाई गई जयंती
डिंडोरी,जबलपुर दर्पण ब्यूरो। रामायण के रचयिता आदि कवि महर्षि वाल्मीकी जी के जन्मोत्सव पर्व पर जिला कांग्रेस कमेटी के सहायता केंद्र में तेल चित्र पर पुष्प माला अर्पित कर श्री चरणों में वंदन किया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वीरेंद्र बिहारी शुक्ला, जिला उपाध्यक्ष आलोक शर्मा, इमरान खान, सुरेंद्र सरैया, पुष्पा महोबे, रोहिणी पाराशर सहित अन्य लोग मौजूद रहे। महर्षि वाल्मीकि जी आदि कवि जयंती के अवसर पर पुष्पांजलि सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष वीरेंद्र बिहारी शुक्ला ने कहा कि रामायण महाकाव्य के रचयिता महर्षि वाल्मीकि संसार के आदि कवि हैं। उनके द्वारा रचित रामायण एक ऐसा महान महाकाव्य है, जो हमें प्रभु श्री राम के आदर्श और पावन जीवन के निकट लाता है। भगवान श्रीराम की सत्यनिष्ठा, पित्र भक्ति, मातृप्रेम, भ्रात्तृ प्रेम, कर्तव्य पालन, और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का बोध कराता है। महर्षि वाल्मीकि जी ने कठोर तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उन्हें रामायण की रचना करने की आज्ञा प्रदान की थी।
भौगोलिक विद्या के विद्वान थे श्री वाल्मीकी :- कार्यक्रम में बताया गया कि प्रथम संस्कृत महाकाव्य की रचना वाल्मीकि जी ने की थी, इस कारण इस ग्रंथ को आदि ग्रंथ और बाल्मीकि जी को आदि कवि कहा जाता है। महर्षि वाल्मीकि जी ज्योतिष व खगोल विद्या के भी विद्वान थे, उन्होंने अपने महाकाव्य में अद्वितीय शैली में प्रकृति का चित्रण, संवाद, संयोजन और विषय का प्रतिपादन भी किया है। वाल्मीकि रामायण में दर्शन, राजनीति, नैतिकता, शासन कुशलता, और मनोविज्ञान का भी विस्तृत वर्णन किया गया है, महर्षि वाल्मीकि जी विविध विषयों के ज्ञाता थे ।वीरेंद्र शुक्ला ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी प्रकाश पुंज हैं, शोक और करुणा से निवृत होने का मंत्र है। आज रामायण के रचयिता आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी के जन्मोत्सव पर्व पर मैं श्री चरणों मेंश्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। महर्षि वाल्मीकि जी जन्मोत्सव पर्व पर आलोक शर्मा उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी, ब्रजेंद्र दीक्षित,इमरान खान, ना्जी, रोहिणी सिंह पाराशर, विजय दहिया, पुष्पा महोबे, गुल बसिया पुषाम,ए ए कुरेशी, सुरेंद्र सरैया, रमेश बनवासी, अल्लू लाल गवले, राजेश गवले, फागुन लाल यादव, सहित अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे।