मराठी भाषिक संस्थाओ ने दी स्वराजंली
जबलपुर दर्पण। “रहे ना रहे महका बन के कली बन के सबा बाग- ऐ -बफा मै साक्षात ईश्वर स्वरूप थी, क्योंकि हर गायक लता दीदी बनना चाहता है । सरस्वती स्वरूप मे सर्व पूज्य है। लता दीदी की आत्मा ने विराट स्वरूप धारण किया है, स्वर कोकिला के कंठ से निकले गीत आज लाखो कंठो से संसार मे गुंजायमान है। भारत रत्न, सरस्वती मां की लाडली बेटी लता ताई मंगेशकर को जबलपुर सर्व मराठी भाषिक संस्था के संयुक्त तत्वाधान में स्वरो की भावपूर्ण श्रद्धांजलि मे दत्तमंदिर गोलबाजार मे डा जितेंद्र जामदार, सदानंद गोडबोले ने कहे ।
सौ. मनीषा भावे द्वारा मराठी गीत – मोगरा फुलला आभा वरी माया तूरी आमा वरी रहू दे, एवं हिंदी में ओ सजना बरखा बहार आयी , नैना बरसे सावन भादो, मेंहदी चा पान, कही ये वो तो नही, दिल मेरा तोडा, हिन्दी फिल्म का पहला गीत दिल मेरा तोडा, सहित अनेक गीतो से
स्वरों की ममतामई मां को श्रद्धा सुमन रेखा पाटिल, पल्लवी फाटक,मनीषा भावे,वैशाली तेलंग, पलक चर्वेकर, राधिका फडनवीस, स्नेहा वैशंपायन, वैशाली चांदोरकर, ने गीतो से शब्दाजंलि दी। इस अवसर पर डा जितेंद्र जामदार, सदानंद गोडबोले, विश्वास पाटंणकर, विजय भावे, शरद आठले, डा लिआयो, अनिल राजुरकर,डा शिरीष नाईक, आदि उपस्थित रहे।