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15 हजार की रिश्वत लेते पटवारी कौशल राजपूत को लोकायुक्त ने रंगे हाथो किया गिरफ्तार

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लोकायुक्त टीम द्वारा पटवारी की बारीकी से जाँच करने पर हो सकता है आय से अधिक सम्पत्ति का खुलासा

सिवनी/धनौरा ब्यूरो। सरकार द्वारा तय समय सीमा में बंटवारा, नामांतरण सहित अन्य राजस्व मामलों का निराकरण के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन कुर्सी पर बैठे राजस्व अमले ने सारे नियमों को ताक में रख दिया है। इसकी बानगी 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गए पटवारी के मामले में देखने को मिली। प्रार्थी शेख पीर कुरैशी के मुताबिक पैतृक जमीन का बंटवारा कराने उसने आठ पहले जुलाई 2021 में आवेदन दिया था। तब से विभिन्ना दस्तावेजों की कमी बताकर प्रार्थी को पटवारी द्वारा लगातार चक्कर लगावाए जा रहे थे। इस परेशानी से निजात पाने के लिए त्रस्त होकर वह पटवारी को 15 हजार रुपये की रिश्वत देने तैयार हो गया।पहले रिश्वत के तौर पर 30 हजार रुपये मांगे गए थे।

मांगा जा रहा था 34 साल पुराना दस्तावेज :– केवलारी गांव निवासी प्रार्थी शेख पीर पुत्र शेख हाफिज कुरैशी ने बताया कि, उसकी चार एकड़ पैतृक कृषि भूमि केवलारी से मझगवां मुख्य मार्ग पर देवरीटीका गांव से लगी है, जिसकी बाजारू कीमत बहुत अधिक है।इस जमीन का बंटवारा सात भाईयों के बीच परिवार में होना है।इसके लिए देवरीटीका के पटवारी कौशल किशोर राजपूत के पास बंटवारे का आवेदन आठ माह पहले किया गया था।आवेदन के बाद से लगातार पटवारी द्वारा जमीन से जुड़े कई तरह के दस्तावेज मांगे गए।पैतृक जमीन पर संजय सरोवर भीमगढ़ बांध की शाखा नहर भी निकली है, जिसका मुआवजा प्रकरण सन 1988 में तैयार हुआ था।सिंचाई विभाग द्वारा करीब 34 साल पहले नहर के लिए पारित किए गए अवार्ड मुआवजा आदेश लाकर देने की मांग पटवारी द्वारा की जा रही थी।इसके लिए बीते कई महीनों से वह सिंचाई विभाग और अपर कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहा था।

नहीं मिला दस्तावेज, फिर मांगी रिश्वत : -प्रार्थी शेख पीर कुरैशी ने बताया कि, केवलारी सिंचाई विभाग के काफी प्रयास के बाद अवार्ड संबंधी दस्तावेज नहीं मिला।प्रार्थी तीन बार दस्तावेज निकलवाने सिवनी स्थित अपर कलेक्टर कार्यालय गया लेकिन कार्यालय में 1998 से रिकार्ड उपलब्ध था।काफी प्रयासों के बाद पारित अवार्ड की तिथि 2 फरवरी 1988 की जानकारी मिलने पर इसके बारे में पटवारी को बताया गया।करीब छह से सात माह तक दस्तावेज नहीं मिलने पर पटवारी ने रुपयों की डिमांड शुरू कर दी।इतना ही नहीं बंटवारा की जाने वाले पैतृक जमीन बेचने के लिए भी कहा गया।इस सब से परेशान होकर प्रार्थी ने मामले की शिकायत लोकायुक्त में दर्ज कराई।

लोकायुक्त टीम द्वारा बरीकी से जाँच करने पर आय से अधिक सम्पत्ति का हो सकता है खुलासा :-धनौरा तहसील के विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पटवारी कौशल राजपूत पिछले कई वर्षो से इन्ही हलकों में पदस्थ है और किसानो से बगैर मोटी रकम लिये कोई काम नही करता है। धनौरा तहसील में पदस्थ अपनी कार्यप्रणाली से चर्चित पटवारी कौशल किशोर राजपूत ने किसानो सहित अन्य लोगो से गाढ़ी कमाई की है,जिसकी चर्चा इस कार्यवाही के बाद जमकर चल रही है। सूत्रों ने आगे बताया कि पटवारी कौशल किशोर राजपूत द्वारा धनौरा सहित जिला मुख्यालय में प्लॉट,कृषि भूमि सहित दो पहिया वाहन भी खरीदा है।अगर लोकायुक्त पुलिस और भी बारीकी से जाँच करे,तो पटवारी राजपूत द्वारा किसानो का शोषण करके बनायी हुई आय से अधिक सम्पत्ति का खुलासा होने में देर नही लगेगी। सूत्रों ने आगे बताया कि पटवारी ने अपनी लगभग 06-07 सालो की नौकरी में किसानो का शोषण कर करोड़ो रूपये का धन कमाया है। 

दो बार हो चूका है स्थानांतरण :-  विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि अपनी कार्य प्रणाली को लेकर चर्चित रहने वाले देवरीटीका हल्के में पदस्थ पटवारी कौशल किशोर राजपूत का दो बार स्थानांतरण धनौरा तहसील से अन्य तहसीलों में हो चूका था, परंतु पटवारी संघ तहसील अध्यक्ष का रौब बताकर और लालच के चलते दोनों बार स्थानांतरण रुकाने में सफल रहा।सूत्रों ने आगे बताया यहां लगभग 06-07 सालो से पदस्थ था और कोई भी फरियादी जब किसी काम को लेकर पटवारी राजपूत के पास गुहार लगाता था, तो वह किसी भी काम को लेकर फरियादियो को इस काम में बहुत समय लगेगा और ये जल्दी का काम नही है,इसमें समय लगता है,बोलकर टालमटोली करता था और जैसे ही फरियादी द्वारा रकम की बात की जाती थी तो वह तत्काल रकम लेकर काम कर देता था।

अपना स्वयं का अलग ऑफिस बना रखा था :- धनौरा पटवारी संघ तहसील अध्यक्ष कौशल किशोर राजपूत ने अपना एक अलग ऑफिस बना रखा था।इस ऑफिस से ही वह सभी कामो को संचालित करता था। सूत्रों ने बताया कि इस ऑफिस में सुबह से शाम तक किसान और फरियादी की भीड़ लगी रहती थी। जिसमे राजपूत द्वारा एक-एक किसानो से अलग अलग मुलाकात की जाती थी और काम के हिसाब से रकम तय की जाती थी।जबकि इसके अतिरिक्त धनौरा तहसील में और भी पटवारी है,जो कि अपना काम तहसील कार्यालय या अपने हल्के में बैठकर करते है,परंतु पटवारी कौशल किशोर का अलग ऑफिस बनाना भी संशयप्रद है।   

इनका कहना है :-
15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हल्का पटवारी कार्यालय धनौरा में पटवारी कौशल किशोर राजपूत को रंगे हाथ पकड़ा गया है।इस मामले में जांच की जा रही हैं, प्रकरण से जुड़े दस्तावेज लोकायुक्त दल में जब्त कर लिए हैं।
जेपी वर्मा, डीएसपी
लोकायुक्त दल जबलपुर

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