ओबीसी को नही मिलेगा 27% आरक्षण:14% से ही करना होगा संतोष
जबलपुर दर्पण नप्र। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय एव पंचायत के चुनावों में प्रदेश में निवास करने वाले पिछड़ा वर्ग को 1994 में दिग्विजय सरकार में जो 14% आरक्षण मिलता था एव उसी समय पंचायती राज की शुरुआत प्रदेश में हुई थी। मान सर्वोच्च न्यायालय में 12 मई को प्रदेश सरकार द्वारा मध्य प्रदेश में रहने वाले पिछडे वर्ग की गणना की रिपोर्ट पेश की थी सरकार की दलीलों के आधार पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 14% आरक्षण का अपना निर्णय दिया है। सरकार के द्वारा पिछड़ा वर्ग गणना की जो रिपोर्ट बनाई गई थी जो अभी भी पब्लिक डोमेन में नही आई है। जिससे किसी को नही पता की ओबीसी की गणना की रिपोर्ट ठीक से लिखी गई है या नही। जिससे किसी को भी पिछड़ा वर्ग गणना की रिपोर्ट पर आपत्ति उठाने का मौका नहीं मिला। यह बात सिर्फ सरकार को पता है। मध्य प्रदेश में ओबीसी का मुद्दा बहुत बड़ा मुद्दा है। इसलिए पिछली गणना के अनुसार ही बहाल कर दिया गया। ओबीसी को लेकर जो पहले स्थिति थी वही आज भी है। अब चुनाव में ओबीसी का मुद्दा ही छाया रहेगा। इस ऐतिहासिक निर्णय से ही आगामी चुनाव में पार्टियों एव उनके चुनाव चिन्ह या उनके समर्थक जो चुनाव लडेंगे उनके हार जीत का चुनाव परिणाम आने पर ही पता चलेगा ओबीसी आरक्षण से किस पार्टी को कितना लाभ या नुकसान हुआ।