विश्वकर्मा समाज करे चिंतन : बी.पी.विश्वकर्मा
जबलपुर दर्पण। विश्वकर्मा समाज में चिंतनीय विषय है कि विश्वकर्मा समाज लगातार प्रगतिशील तो है किंतु सामाजिक एकता समाजिक राजनैतिक दलों में भागीदारी शून्य के बराबर ही है जो सामाजिक बन्धु राजनैतिक दलों में अपनी भागीदारी तो बनाये हुए हैं पर किसी प्रतिष्ठित पद पर नहीं है और जो है भी तो वह समाजिक सरोकार से दूर है,
वर्तमान समय पर समाज अन्य समाजों के अनुरूप बहुत पिछड़ा हुआ है, चाहे वह प्रसाशनिक पद पर हो, सांसदीय क्षेत्र हो, विधानसभा हो नगरपालिका हो,नगर परिषद हो,केवल सरपंच पंच तक ही सीमित है, हां हमारे समाज के श्री रामआसरे विश्वकर्मा जी उत्तरप्रदेश से अवश्य ही उच्च शिक्षा मंत्री रहे और उन्होंने समाज को काफ़ी सहयोग भी किया है,समाज का नाम भी रोशन किया है
आज समाज की दिशा और दशा बहुत ही दयनीय स्थिति में चल रही है चाहे समाजिक दबाव, दबंगई, बलात्कार, उत्पीड़न, मारपीट इत्यादि लगभग ऐसी घटनाएं आये दिन सुनने हो रहीं हैं। इसका मुख्य कारण हमारे समाज का कहीं भी किसी भी तरह का कोई वर्चस्व ,दबदबा ,रक्षा हस्तक्षेप, कहीँ नहीं है , जबकि हमारे समाज की जनसंख्या औसतन 8 से 9 परसेंट होगी फिर भी हम कमजोर पिछड़े हुए हैं, हमारे समाज के विभिन्न राजनेतिक दलों गेर राजनैतिक दलों में जुड़े है केवल दलों पार्टियों को मजबूत करने के लिए दलों पार्टियों में अपनी मजबूती समाज की मजबूती मिले तब तो जुड़ना जोड़ने का महत्व है वरना हम उपयोग होते रहेंगे पिछलग्गू बन कर जुड़े रहने से न स्वयं को न समाज को कोई लाभ होने वाला है, इसलिए इस्तेमाल न हों इस्तेमाल करें, यब ही हमारे समाज का वर्चस्व कायम होगा वरना हम पहले जैसे कमजोर बने रहेंगे, इस विषय पर हमें चिंतन मनन की अति आवश्यकता है, अभी वर्त्तमान में मध्यप्रदेश में नगर निकायों, ग्रामपंचायत जनपद पंचायत के चुनाव होने वाले है
समाजिक स्तर पर सभी प्रयास करें जो जिस राजनीतिक दल,पार्टी, में सक्रियता से जुड़े है उनको सहयोग देकर प्रति भागी बनायें ताकि समाज में राजनैतिक भागीदारी सुनिश्चित हो सकें। सभी से विनम्र निवेदन है कि इस विषय सन्दर्भ में चिंतिन ,मनन आवश्य करें।