सेठ गोविंद दास पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन
जबलपुर दर्पण। सेवा राष्ट्र सेवा है । भाषा से संस्कृति का निमार्ण होता है । इस संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य सेठ गोविंद दासजी ने किया । उक्त विचार मुख्य अतिथि डॉ . खेमसिंह डहेरिया कुलपति , अटल बिहारी बाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल ने अपने उद्बोधन में व्यक्त किये। अवसर था वर्चुअल रूप से आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी जिसका विषय है ” भारतीयता के सजग प्रहरी सेठ गोविंद दास । प्राचार्य डॉ . फॉ . वलन अरासुजी के निर्देशन में एवं हिन्दी विभाग व इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि विश्वमोहन दासजी हितकारिणी समा ) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के 75 वीं वर्षगाठ पर संत अलॉयसियस महाविद्यालय द्वारा संस्कारधानी के महान साहित्यकारों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का जो बीड़ा उठाया हैं इस हेतु आप सभी बधाई के पात्र है। अध्यक्ष जेराल्ड अल्मेडाजी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहाँ कि ” सेठ गोविंद दासजी के द्वारा दिया भाषा व शिक्षा के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ . फॉ . बलन अरासुजी ने अपने उद्बोधन में कहाँ कि ” हम जहाँ बसे है वो हमारी कर्मभूमि है इसलिये ” हमारा दायित्व बनता है कि हम हमारे अपनो का सम्मान करे व उनके द्वारा किये गये कार्यों को आगे बढाए । ” कार्यक्रम संयोजक डॉ . रामेन्द्र प्रसाद ओझा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कारधानी की माटी में जन्मे हमारे साहित्यकारों की खुशबू ना केवल देश अपितु विदेशों तक फैली है संचालन डॉ . कैरोलिन रौनी ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ . मंजु मारिया सालोमन विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग द्वारा किया गया । प्रथम सत्र में 12 शोधपत्रों का वाचन किया गये चेयरपर्सन प्रो . नवीन गिडियन एवं विषय विशेषज्ञ डॉ कन्हैया त्रिपाठी थे सहयोग प्राप्त हुआ वाईस प्रीसिपल डॉ . कल्लोल दारा , डॉ . रीना थॉमस , डॉ . अभिलाषा शुक्ल , प्रकाश लांघे , जितेन्द्र जैन , डॉ . सुषमा पिल्लै एवं छात्र छात्राओं का । इस अवसर पर कवि ” इन्द्रबहादुर खरे की कवितों में जोवन मूल्य ” पुस्तक का विमोचन किया गया ।