एंगिलकन चर्च आफ इण्डिया की सचिव मधुलिका ज्वायसे का प्रेस वक्तव्य
जबलपुर दर्पण। एंग्लिकन चर्च के नाम पर कुछ तथाकथित लोग अपने को एंग्लिकन के बिशप व् मेट्रोपोलिटन बता कर एवं चर्च व् उसकी संपत्ति पर जबरन कब्ज़ा करके समाज को एवं पदाधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में बहुत से केस विभिन अदालतों में लम्भित हैं। आफ इंडिया इसी काम में लगी है जिसके हेड पी सी सिंह को गिरफ़्तार किया गया है। इनका अपने धर्म से कोई मतलब नही है बल्कि यह जगह जगह घूमकर अपने को एंगिलकन का बताकर उसकी सम्पति बेचकर करोड़ों की काली कमाई कर रहे हैं। हमारी तरफ़ से कई बार सीएनआई के काले कारनामों की जानकारी मध्य प्रदेश सरकार के साथ यूपी पुलिस और भारत सरकार को दी गई। इसी का संज्ञान लेते हुए ईओडबल्यू ने पी सी सिंह की गिरफ़्तारी की है। सिंह और उनके सहयोगी मध्य प्रदेश के साथ यूपी में भी धर्म परिवर्तन ज़बरिया और लालच देकर करवा रहे हैं। जैसा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बोला है इनके ताल्लुक़ माफिया सरग़ना दाऊद से भी है। यह बिल्कुल ही सही प्रतीत होता है। इस संस्था के लोगों का केवल एक ही कार्य है एंगिलकन चर्च की क़ीमती ज़मीनो को बेचना है। दिल्ली मध्य प्रदेश यूपी और मुंबई में कई ज़मीन इनके लोगों ने फ़र्ज़ी काग़ज़ात से बेंच दी। कई मामलों में हमने मुक़दमा भी दर्ज करवाया है। चर्च आफ नार्थ इण्डिया का जन्म 1970 मे हुआ जिसमे 6 चर्चो का विलय तथाकथित रूप से बताया जाता चर्च आफ नार्थ इण्डिया
इसको तथाकथित इसलिए कहेंगे क्युकि सभी 6 डिनॉमिनेश्न् इंडिया
मे बिटिश काल से कार्यरत थी तथा धार्मिक व अन्य सामाजिक शैक्षणिक कार्य कर रही थी। तथा सीओआई जिसका फेथ एंग्लिकन है पार्लियामेंट एक्ट से 1927 मे बहाल किया गया तथा इसको कानूनी जामा पहना दिया गया अतः जब एक संस्था
एक्ट से बनी है तो उसको किसी और संस्था मे शामिल के लिए भी एक कानूनी प्रक्रिया होती है जो 1970 मे नही की गई। यही कारण है कि 2013 में एक अर्ज़ी पर सुप्रीम कोर्ट ने सीएनआई को पूरी तरह से अवैध घोषित कर दिया था। इसका परिणाम वश तमाम गैरकानूनी कार्यो के लिए रास्ते खुल गए जिसमे सबसे ज्यादा नुकसान एंग्लिकन चर्च की आस्था को हुआ। एंग्लिकन आस्था है इसके कुछ कायदे-कानून है जिन्हे संविधान कैनन और नियम कहा जाता है। इस कारण इसका कार्य छेत्र भी बडा था अतः इस क स्कूल कॉलेज अस्पताल आदि बहुत सी अन्य सामाजिक संस्थाओ का निर्माण किया गया और इन सभी को सोसाइटी या कंपनी एक्ट मे रजिस्टर्ड कराया गया। ये संस्थाये मान्यताओ व उसके स्थापना की गई थी परन्तु पदों पे आने के बाद इनका दुरुपयोग शुरू कर दिया व जो जमीने लोगो के भविष्य और उपयोग के लिए रखी गई है उन जमीनो को बगैर पदाधिकारीयो के अनुमोदन के उनका मनमाने ढंग से दुरुपयोग कर रहे है। इसमें जनरल कॉउंसिल के सभापति अयध्यक्ष मेट्रोपोलिटन बिशप ही होते हैं, जो वर्तमान में आर्चबिशप सैमुएल पीटर प्रकाश हैं। उत्तरप्रदेश के लिए लखनऊ डाइसिसिअन ट्रस्ट एसोसिएशन के द्वारा चर्च की संपत्ति एवं संस्थाओं की देख रेख की जाती है, इसके अध्यक्ष डाइसेस के बिशप हैं।