जनजातीय विभाग में कर्मचारियों का बंद हो शोषण

जबलपुर दर्पण। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के संरक्षक दिलीप सिंह ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया गया कि आदिवासी विकास विभाग में अभी तक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विनियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं हुई है। जहाँ प्रदेश के अन्य सभी जिलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वर्ष 2017-18 तक विनियमितिकरण की प्रक्रिया क़ो पूर्ण कर लिया है जबकि संस्कारधानी जबलपुर जिले के कर्मचारी आज भी आश्वासनों के भरोसे 2022 तक पहुँच गए।
संघ ने बताया कि अन्य जिलों के कर्मचारियों का वेतन लगभग 18000/- हो गया है वहीँ जबलपुर के आदिवासी विकास विभाग के कलेक्टर दर के कर्मचारी इस भीषण महंगाई के दौर में मात्र 10000/- में गुजारा करने मजबूर है।
संघ ने इस बाबत कई बार चर्चा की और पत्राचार भी किया परंतु जबाबदारों ने फाइल चल रही है, प्रक्रिया में है, फाइल बढ़ गयी है साहब की टेबल पर है ये कहकर इतिश्री कर लेते हैँ।
संघ ने आगे बताया कि अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त कर्मचारियों क़ो उनका वाजिब हक़ नहीं मिल पा रहा है। आदिवासी विकास विभाग क़ो कुम्भकरणीय नींद से जगाने के लिए शीघ्र आंदोलन किया जायेगा यदि 30 दिवस के अंदर विनियमितीकरण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ।
संघ के संरक्षक दिलीप सिंह ठाकुर,विश्वनाथ सिंह, आसाराम झारिया,आकाश भील, नितिन तिवारी,अफ़रोज़ खान,जी टी झारिया,भोगीराम चौकसे, गंगाराम साहू, क्रिस्टोफर नरोन्हा,भास्कर गुप्ता, दिनेश गौड़, राकेश श्रीवास, दुर्गेश खातरकर, आदेश विश्वकर्मा,चंद्रभान साहू, धर्मेंद्र परिहार, विशाल सिंह,अजब सिंह, इमरत सेन, सुधीर अवधिया, राशिद अली,,रेनू बुनकर,अर्चना भट्ट, गीता कोल,सीता शर्मा,अनुपमा तिवारी, रजनी गुप्ता,नीलम,ममता मिश्रा,आरती ठाकुर, जागृति मालवीय, रौशनी महोबिया, दीपशिखा श्रीवास,नीतू श्रीवास्तव,अंजलि,नीतू जैन, प्रभा यादव, सुषमा श्रीवास्तव,चंद्रकली, सरिता सहाय, दुर्गा पटेल, सावित्री कश्यप, कामिनी पुणेकर, माधुरी शर्मा, गरिमा विश्वकर्मा, अनीता उइके, करिश्मा राजदान, सविता समुंद्रे, कीर्ति आर्मो, माया मजूमदार, शिखा सोनेवाल, अरुणा अग्रवाल,रामकली पुरते, सरोज कोल,भारती बसेड़िया,सतीश दुबे,आशीष कोरी, पंकज, देवेंद्र, सुधीर, सौरभ,ऋषि पाठक, कमलेश दुबे,डेलन सिंह,विनीत राव, धनराज पिल्लै, मोदित रजक, जीतेन्द्र रजक, ब्रजेश कुमार, ब्रजेन्द्र सिंह,जागृति मालवीय, गजेंद्र सिंह एस. बी. रजक,वीरेंद्र झारिया योगेश ठाकरे वीरेंद्र श्रीवास,समर सिंह ठाकुर नीलेश कोरी आदि ने आदिवासी विकास विभाग के जबाबदार सक्षम अधिकारीयों से वार्तालाप एवं पत्रांचार कर अंतिम अवसर प्रदान किया अन्यथा आंदोलन निश्चित है।