अधिकारियों की मेहरबानी सें कार्यालयों में लिपिकीय कार्य करने वाले कर्मचारियों को मूल केडर में की जाए वापसी
जबलपुर दर्पण। मध्य प्रदेश जागरूक अधिकारी कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष राॅबर्ट मार्टिन ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि वर्तमान में शासकीय कार्यालयो में अन्य केडर के कर्मचारी लिपिकीय कार्य में रूचि लेते हुए अपना मूल कार्य शिक्षण/प्रशिक्षण इत्यादि छोड़ अधिकारियों की मेहरबानी से शासन को धोखे में रख/गुमराह कर पद सहित अथवा संलग्न होकर या अन्य पद स्वीकृति कराकर जहां शिक्षण प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं है पदस्थ हैं । जिससे उनका मूल कार्य तो प्रभावित हो ही रहा है साथ ही अन्य केडर के कर्मचारियों का कार्य में भी विसंगति उत्पन्न हो रही है । प्रतिवर्ष बच्चों/युवाओं को गुणवत्तायुक्त शिक्षण/प्रशिक्षण हेतु करोड़ों रूपये का प्रशिक्षण शासन द्वारा इन शिक्षक/प्रशिक्षकों पर खर्च किए जा रहे हैं । यदि पे मेट्रिक्स लेवल 4 से 7 का कार्य करने हेतु लेवल 8 से 12 तक के कर्मचारियों से कार्य कराया जाता है तो शासन को लाखों को हानि प्रतिमाह हो रही है । यदि लेवल 4-5 का कार्य लेवल 8 के कर्मचारी से कराया जाता न्युनतम गढ़ना अनुसार शासन को प्रतिमाह प्रति कर्मचारी लगभग 20000 की हानि होती है । यदि 1000 कर्मचारियों से लिपिक/कम्प्यूटर आपरेटर/स्टेनो के कार्य के लिए संलग्न अथवा अन्य पद के नाम से पद स्वीकृत कराकर कार्यालय में कार्य कर रहे है तो शासन को 1000 कर्मचारियों पर लगभग कम से कम 2 से 3 करोड़ प्रतिमाह नुकसान हो रहा है । वर्तमान में कुछ विभाग में लिपकीय पदोन्नत कार्यालयीन पद सहायक संचालक/उप संचालक पर अन्य केडर शिक्षक/प्रशिक्षकों से पदोन्नत किए जाने हेतु भाई भतीजावाद/चमचागिरी के चलते नियमों में प्रावधान कर भरा जा रहा है । जहाॅ प्रदेश की आर्थिक स्थिति डावांडोल है वहीं इस तरह का कार्य शासन पर कुठाराघात है। मुख्यमंत्री से निवेदन है कि प्रदेश हित में ऐसे लिपिकीय कार्य करने वाले कर्मचारियों को लिपिक का वेतन दिया जाए एवं कार्यालय में कार्यालयीन कार्य हेतु पदस्थ शिक्षण/प्रशिक्षण शिक्षकों को पद सहित उनके मूल कार्य हेतु वापस स्थानांतरित किया जाए । जिससे लिपिकीय पद खाली होने से प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी प्राप्त होगा एवं प्रदेश सरकार का करोड़ो रूपये प्रतिमाह बचत भी होगी जिसका उपयोग अन्य योजनओं इत्यादि में किया जा सकता है। संघ के राकेश श्रीवास, शहीर मुमताज़, दिनेष गौंड़, स्टेनली नाॅबर्ट, राजकुमार यादव मानसिंह आर्मो, आदि ने मांग की है।