लेखिका अलका मधुसूदन पटेल की दोनों पुस्तकों का भव्य लोकार्पण
जबलपुर दर्पण। नारी की सही पहचान है उसका वात्सल्य रूप, ह्रदय में संचित स्नेह व प्रेम की भावनाएं। जबलपुर की वरिष्ठ साहित्यकार अलका मधुसूदन पटेल के लघुकथा संग्रह एवं काव्य संग्रह में इन्हें ही प्रभावी ढंग से प्रतिबिंबित किया गया है। इन्हीं संबोधन के साथ कटंगी के प्रज्ञाधाम की पीठाधीश्वर साध्वी विभानंद गिरीजी ने उनकी दोनों पुस्तकों का लोकार्पण किया ,साथ ही आशा व्यक्त की कि समाज उनकी रचनाओं से सुसंस्कार एवं सुविचारों को ग्रहण करेगा।
दीपप्रज्वलन पश्चात डॉ रानू रूही ने मधुरस्वर में सरस्वती वंदना एवं त्रिवेणी परिषदसदस्यों ने वंदे मातरम का सस्वर समूहगान किया।
मनमोहननगर के कुर्मी सेवा संस्थान भवन में सम्पन्न इस कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए इंजीनियर विनोद नयन ने मंच पर उपस्थित सभी साहित्यकारों एवं संयोजकों का पुष्पमाला द्वारा स्वागत करवाया।
श्री दुर्गेश ब्यौहार ने अलकाजी की कृति से देशभक्ति गान प्रस्तुत किया।
वरिष्ठ साहित्यकार साधना उपाध्याय ने अलका पटेल की लेखन शैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि कृतियों की सभी रचनाएं संस्कारपूर्ण अभिव्यक्तियों पर आधारित हैं।
श्रीमती अर्चना मलैया ने पुस्तक रामेश्वर ज्ञान पीयूष की समीक्षा करते हुए कहा कि लघु कथाओं के माध्यम से समाज को अलकाजी ने हृदयस्पर्शी और विचारप्रवर्तक उपदेश दिए हैं।
डॉ। रचनाकार अलका पटेल ने अपने संबोधन में अपने माता-पिता गुरुजनों व जीवन में आए सभी लोगों को स्मरण कर लेखन में प्रस्तुत किया है, बताया। चारों ओर निरंतर बिखरे प्रसंगों को सकारात्मक रूप से चिकित्सीय लेखन की आवश्यकता बताया। वरिष्ठ साहित्यकार मोहन शशि ,निरंजन द्विवेदी ,दुर्गासिंह पटेल,दीपक तिवारी ,राजीव गुप्ता ,द्वारिका गुप्ता ,निर्मला तिवारी ,अर्चना गौर ,इंदु श्रोती ,डॉ इला घोष ,डॉ जयश्री जोशी ,डॉ मीना गुप्ता ,श्री महेश पटेल ,कामता प्रसाद ,दुर्गा प्रसाद पटेल, सुजीत पटेल सुशील पटेल ,कामना श्रीवास्तव ,रत्ना ओझा ,आशा रिछारिया ,छाया त्रिवेदी ,चंद्रा चतुर्वेदी , चंद्रकांता पटेल ,मीना पटेल आदि गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही। त्रिवेणी अध्यक्ष चंद्रप्रकाश वैश्य व डॉ मुकुल तिवारी ने प्रसंग, त्रिवेणी परिषद,लेखिका संघ,शक्ति महाकौशल पटेल मंच व अन्य सभी उपस्थित गणमान्य साहित्यकारों व प्रबुद्धवर्ग का अभिवादन कर आभार किया।