जबलपुर दर्पण सिहोरा कूम्ही सतधारा। तहसील के ग्राम देवरी में 6 किसानों के करीब 17 एकड़ खेतों में गेहूं की फसल नष्ट हो गई है। किसानों ने बताया कि हम अपनी अपनी निजी जमीनों पर अलग-अलग खेतों में करीब 17 एकड़ जमीन में गेहूं की फसल बोए हुए थे। गेहूं की फसल जई खरपतवार बीच-बीच में ऊगी थी। जो गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा रही थी। खेत में जई खरपतवार खत्म करने के लिए खाद बीज कीटनाशक दवाई के विक्रेता सिद्ध विनायक ट्रेडर्स के मालिक अखिलेश पटेल खितौला की कृषि दुकान से जई मार वूडर कंपनी की दवा लेकर गेहूं फसल में छिड़काव किया गया था। परंतु 4 से 5 दिनों में परिणाम स्वरूप जिन गेहूं फसल के खेतों मैं दवा डाली गई थी। वही करीब 60 प्रतिशत गेहूं की फसल खराब हो गई है। गेहूं की फसल को लेकर सभी किसानों ने तहसील कार्यालय सिहोरा, कृषि विभाग सिहोरा, कृषि उपसंचालक जबलपुर, थाना मझगवाॅ सिकायत पत्र और विक्रेता दुकान मालिक को फसल खराब होने की जानकारी दीया।
शिकायत के अनुसार 3 फरवरी को ग्राम देवरी मै खराब हुई फसलों को वैज्ञानिक पौध संरक्षण कृषि महाविद्यालय जबलपुर प्रमोद गुप्ता , कृषि सहायक संचालक रविआम्रवंशी, कृषि अनुविभागीय अधिकारी मनीषा पटेल, और जीएस राठौर किसानों की खराब फसलों का निरीक्षण करने पहुंचे। तो देखा कि जिन खेतों में वूडर कंपनी की दवा का छिड़काव किया गया था। उन खेतों की फसलें खराब हो चुकी थी। हालांकि देखना यह है कि कृषि विभाग के बड़े अधिकारी खाद बीज कीटनाशक विक्रेता मालिक, या दवा वूडर कंपनी पर किस तरह की कार्यवाही करना जरूरी समझते हैं। ताकि किसानों का नुकसान मुआवजा राशि मिल सके। सभी किसान गुहार लगाते हुए खाद बीज कीटनाशक विक्रेता मालिक, या वूडर कंपनी के द्वारा हुए नुकसान पर उचित कार्यवाही कर फसल नुकसान के लिए मुआवजा राशि की मांग किया है।
कृषि अनुविभागीय अधिकारी मनीषा पटेल ने बताया कि करीब 6 किसानों के खेतों मैं प्रमाणित तौर से वूडर कंपनी के पैकिट सैंपल पड़े हुए थे। साथ में विक्रेता बिल प्राप्त हैं। जिससे यह पता चलता है, कि इस दवा के छिड़काव से फसल खराब हुई है, दवा की जांच करवाई जाएगी, जांच के दौरान प्रशासनिक कार्यवाही हो सकेगी।