हरिकृपा से ही दरिद्रता का नाश : आचार्य अनूप देव शास्त्री
सुप्तेश्वर गणेश मंदिर मेंश्रीमद्भागवत कथा पुराण में संत महात्माओं ने दिये आशीर्वचन
जबलपुरदर्पण । हरि नारायण की भक्ति आराधना निस्वार्थ भाव से करना चाहिए, नारायण अंतर्यामी है वे अपने भक्तों के दुःख दरिद्रता से परिचित रहते हैं किन्तु प्रारब्धवश समय के पश्चात ही सभी कष्टों का निवारण कर धन ऐश्वर्य और वैभव का आशीर्वाद देते हैं। हर भक्त को हरि नाम स्मरण भक्ति करना चाहिए उक्त उद्गार श्री सुप्तेश्वर गणेश मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा पुराण में सप्तम दिवस की कथा में श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र प्रसंग में व्यास पीठ से आचार्य अनूप देव शास्त्री जी ने कहे।
श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र के अवसर पर श्री नरसिंहपीठाधीश्वर डॉ स्वामी नरसिंह दास जी महाराज , डा स्वामी राधे चैतन्य जी महाराज ने कहा कि दैनिक नित्यक्रम में भगवान की पूजन अर्चन, हरिनाम संकीर्तन आवश्यक रूप से करना चाहिए। वर्तमान में तनाव भरी दिनचर्या को सामान्य बनाने के लिए भगवत आराधना बहुत ही अनिवार्य है।श्री सुप्तेश्वर गणेश मंदिर रतन नगर जबलपुर में प्रात 9 बजे से हवन पूजन भंडारे का प्रसाद प्राप्त कर जीवन सफल बनाने का आग्रह आशा शर्मा, अनिल शास्त्री, अशोक शर्मा, ज्योति उमेश शुक्ला, लख न मिश्रा, रुक्मणि जोशी, वैशाली कर्णिक, रमा श्रीवास्तव,राकेश शुक्ला, पीयूष चतुर्वेदी, दिनेश मिश्र, राकेश पटेल, प्रदीप जानी, विजय चौधरी, अनिल सिंह, पंकज वैध, मंजू पटेल, सीमा सिंह, पुष्कल चौधरी, अलका जानी ,रजनी आहलूवालिया, मंजू ब्यौहार , तृप्ति भल्ला, लखन मिश्रा, मुन्नी मिश्रा सहित प्रभु वंदन फाऊंडेशन,सुप्तेश्वर गणेश मंदिर रतन नगर परिवार ने की है।