जन्मजात विकृति की पहचान व प्रबंधन हेतु कार्यशाला
जबलपुर दर्पण। जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं में जन्मजात विकृतियों की पहचान व प्रबंधन कैसे हो इस संबंध में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय काम्प्रहेंसिव न्यूबोर्न स्क्रीनिंग की कार्यशाला का आयोजन दिनांक 20.03.2023 को होटल दत्त रेसीडेंसी में सम्पन्न किया गया, जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. संजय मिश्रा एवं नोडल अधिकारी, (आरबीएसके) के मार्गदर्शन में मास्टर ट्रेनर डॉ. नंदनवार ने जिले की सभी प्रसव केन्द्रों से आये मेड़िकल ऑफिसर, स्टॉफ नर्स, एएनएम, आरबीएसके व डीईआईसी टीम को प्रशिक्षित किया। नवजात शिशुओं में जन्मजात विकृति जैसे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, डाउन सिन्ड्रोम, कटे-फटे होठ व तालू, क्लब फुट, जन्मजात मोतियाबिंद, जन्मजात हृदय रोग व बहरापन आदि जन्मजात विकृतियों की पहचान, उनका कब और कहॉ उपचार दिलाने व त्वरित रूप से कहॉ उच्च संस्था में रेफर किये जाने के संबंध में विस्तार जानकारी दी गई हैं। डीईआईसी मैनेजर श्री सुभाष शुक्ला ने बताया की काम्प्रहेंसिव न्यूबोर्न स्क्रीनिंग का मतलब हैं व्यापक नवजात का परिक्षण करना ताकि किसी भी विकृति को जन्म के दौरान ही पता लगाकर ठीक किया जा सकें। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर डीईआईसी के समस्त अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहें।