जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

पूरा सत्र बीता पर नहीं मिली गणवेष

अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते विद्यार्थी हुए गणवेष विहीन

जबलपुर दर्पण। मध्य प्रदेष जागरूक अधिकारी कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष राॅबर्ट मार्टिन ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि शासकीय शालाओं के छात्र-छात्राओं को मिलने वाली गणवेष आज दिनांक तक बच्चों को अप्राप्त है जबकि पूरा सत्र बीत चुका है। ज्ञात रहे कि शासकीय शालाओं के बच्चों को पिछले दो सत्र से गणवेष नहीं मिल पाई है। वहीं बच्चों के पालक षिक्षकों से गणवेष नहीं मिलने का कारण पूछ रहे हैं जबकि स्कूलों से बच्चों के गणवेष के नाप और संख्या जुलाई माह में ही भेजे जा चुके है परंतु आज दिनांक तक गणवेष नहीं मिलने से बच्चे और उनके पालक आष लगाए बैठे हैं। संघ ने आगे बताया कि राज्य षिक्षा केन्द्र भोपाल के द्वारा स्वसहायता समूह के लिए गणवेष की राषि स्कूलों की दर्ज संख्या के अनुसार जारी होती है और स्वसहायता समूह के माध्यम से बच्चों को गणवेष जारी की जाती है परंतु स्कूलों से जानकारी जैसे छात्र-छात्राओं के नाम व नाप भेज देने के बावजूद आज दिनांक तक पूरा सत्र बीतने के बाद भी बच्चों को गणवेष नहीं मिल पाना समझ से परे है। जिस वजह से छात्रों, पालकों एवं षिक्षकों में रोष व्याप्त है। संघ के जिलाध्यक्ष-राॅबर्ट मार्टिन, दिनेश गौड़, राकेष श्रीवास, हेमंत ठाकरे , स्टेनली नाॅबर्ट, शहीर मुमताज़, उमेष ठाकुर, सुनील झारिया, सुधीर पावेल, एनोस विक्टर, राजकुमार यादव, राॅबर्ट फ्रांसिस, आर.पी.खनाल, गुडविन चाल्र्स, क्रिस्टोफर नरोन्हा, प्रदीप पटेल, फिलिप अन्थोनी, रऊफ खान, सुधीर पावेल, योगेष ठाकरे, विरेन्द्र श्रीवास, विनोद सिंह, सुनील स्टीफन, आषीष विष्वकर्मा, गोपीषाह, वसुमुद्दीन, सुधीर अवधिया, शरीफ अहमद अंसारी, आषाराम झारिया, त्रिलोक सिंह, समर सिंह ठाकुर, रामकुमार कतिया, एस.बी.रजक, निलेष खरे, अनूप डाहट, अनूप सिंह मरकाम, मानसिंह आर्मो, अषोक परस्ते, दिनेष पटेल, रामदास बरकड़े, देवी सिंह ठाकुर, सुम्मत सिंह, मनीष मिश्रा, कन्हैया लाल, राजेष सहारिया, आषीष कोरी, पंकज, देवेन्द्र, अजय मिश्रा, चैतन्य कुषरे, संतोष चैरसिया, कादरी अहमद अंसारी, नरेष धुमके, विष्वनाथ सिंह, डेलन सिंह, आकाष भील, विषाल सिंह ठाकुर, नितिन तिवारी, कमलेष दुबे, आदेष विष्वकर्मा, ईमरत सेन, भागीरथ सेन, राषिद अली, आदि ने राज्य षिक्षा केन्द्र भोपाल से मांग की है कि बच्चों को गणवेष अतिषीघ्र वितरित की जाए।

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