जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

राज्य शिक्षा केंद्र का तुगलकी फरमान

जबलपुर दर्पण। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा 10 वीं एवं 12 वीं बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन कार्य से भी जटिल 5वीं एवं 8 वीं मूल्यांकन कार्य में मुख्य मूल्यांकनकर्ता एवं उत्तर पुस्तिका जाँच रहे शिक्षकों को एक नयी जटिल समस्या में उलझा दिया है। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के अनुसार प्रत्येक उत्तर पुस्तिका में 24 प्रश्नों को जांच कर परीक्षाथार्ति ने जो अंक प्राप्त किए, उन्हें अपने मोबाइल या टेबलेट अथवा पीसी से ऑनलाइन पोर्टल में 24 प्रश्न वार अंक फीडिंग करना है ,जो कि एक नई जटिल समस्या में राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल ने उलझा दिया है।👉विशेष ध्यान देने योग्य बात ये है,कि मूल्यांकन प्रभारी एवं मूल्यांकनकर्ताओं के पास छोटी छोटी अतिआवश्यक वस्तुओं का अभाव है जैसे पेन, सीस पेंसिल, रबर, शापनर, पेपर, कटर, पंचिंग मशीन, स्टेपलर, धागा इत्यादि। वैसे तो प्रत्येक मूल्यांकन प्रभारी के पास एक ट्रे में ये सब सामान दिया जाता है शायद फंड कम आया हो या कोई दूसरी योजना बना ली हो क्योंकि बूंद बूंद से सागर भरता है। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर ने आगे बताया कि एक तो अप्रैल माह के अन्तिम समय जब शिक्षक अपने- अपने स्कूलों की स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने में लगे हैं और तो और जिला शिक्षा केंद्र से स्कूलों में अंक सूचियां नहीं प्राप्त हुई है।वहीं 5 वीं एवं 8 वीं मूल्यांकन कार्य को जानबूझकर जटिल कर मूल्यांकनकर्ताओं को मानसिक तनाव दे दिया वे बेचारे परेशान-हलाकान हैँ। शिक्षक/मूल्यांकनकर्ता चाह कर भी समय सीमा में मूल्यांकन कार्य पूर्ण नहीं कर सकते क्योंकि कभी नेटवर्क तो कभी सर्वर डाउन नित नयी परेशानियां पीछा ही नहीं छोड़ रही।जबकि कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन में भी इस तरह से कोई प्रयोग नहीं किया गया तो कक्षा 5 वीं एवं 8 वीं के मूल्यांकन कार्य में ये नवीन प्रयोग क्यों किया जा रहा है। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर ने आगे बताया कि जबकि मूल्यांकन कार्य में मोबाइल, टेबलेट, पीसी वर्जित रखा जाता है तो क्या बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन कार्य की गोपनीयता भंग नहीं हो रही। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के दिलीप सिंह ठाकुर, जी आर झारिया, माधव पाण्डेय, ऋषि पाठक, भास्कर गुप्ता, पुष्पा रघुवंशी, चंदा सोनी, अजब सिंह, नितिन तिवारी, विश्वनाथ सिंह, आकाश भील, आदेश विश्वकर्मा, अरविन्द विश्वकर्मा, सुल्तान सिंह, देवराज सिंह, इमरत सेन, विष्णु झारिया, महेश मेहरा,भोजराज विश्वकर्मा,आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल से मांग की है,कि इस जटिल समस्या का समाधान कर, मूल्यांकन कार्य का सरलीकरण किया जावे ।

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