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25 वर्षों में व्यवसाय के प्रति लोगों का नजरिया बदला है:गौरव मार्या

व्यवसाय के प्रति लोगों में बहुत बदलाव आया है। पहले लोग खाली एक ब्रांड का काम करने से हिचकते थे लेकिन आज जमाना बदल गया है अब लोग एक ही ब्रांड की फ्रेंचाइजी लेने में ज्यादा इच्छुक रहते हैं। यह मानना है फ्रेंचाइजी इंडिया के चेयरमैन गौरव मार्या का।

गौरव मार्या का कहना है कि आज वह स्थिति नहीं है जो 25 वर्ष पहले थी। आज लोगों की सोच के साथ साथ नजरिया भी बदला है। पहले लोग अनेक ब्रांड जैसे किराने की दुकान खोलना पसंद करते थे अगर किसी से कहो कि वह एक ही कंपनी का काम शुरू कर लो तो वह घबराता था कि कहीं भूखे मरने की नौबत न आ जाए। लेकिन अब ऐसा नहीं है अब देश में एक ही ब्रांड के शोरुम खोलने एक ही ब्रांड की फ्रेंचाइजी शुरू करने का प्रचलन बढ़ गया है। फ्रेंचाइजी इंडिया के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 25 वर्ष पहले इस कंपनी की शुरुआत करी थी लेकिन उस समय हमारे सामने बहुत सारी चुनौतियां व समस्याएं थीं। लेकिन उन समस्याओं और चुनौतियों को पार करते हुए हम बहुत आगे निकल चुके हैं। आज विश्व के अनेक देशों में हमारी पहूंच है। आज 8 देशों की 98 शहरों में फ्रेंचाइजी इंडिया एक अलग पहचान बना चुका है।

फ्रेंचाइजी बिजनेस के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए मार्या ने कहा कि विश्व में इसका बहुत बड़ा बाजार है। विश्व में अमेरिका के बाद भारत दूसरे नम्बर पर है। आज भारत में फ्रेंचाइजी का बिजनेस लगभग 2000 करोड़ को पार कर चुका है। भारतीय कंपनियां भारत के साथ साथ विदेशों में भी तेजी से पैर फैला रही हैं। फ्रेंचाइजी इंडिया शो के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस एक्सपो में 30 विदेशी कंपनियों के 120 ब्रांडों के साथ साथ 400 से अधिक भारतीय कंपनियां भाग ले रही हैं। इन दो दिनों में 50000 से भी अधिक निवेशक विभिन्न कंपनियों के साथ व्यापार समझौते करेंगे।

उद्घाटन सत्र को एमएसएमई मंत्रालय की ज्वाइंट सैक्रेटरी श्रीमती मर्सी एपाओ ने संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने कहा कि बिजनेस ग्रोथ और इनोवेशन के लिए एक मजबूत ईकोसिस्टम बनाने के लिए सरकार प्रयासों, नए कार्यक्रमों, नीतियों और सहयोगात्मक प्रयासों पर लगातार जोर दिया जा रहा है। इन सभी प्रयासों के अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं। एक्सपो में इंटरनेशनल ब्रांड्स भी पेश किए गए, जो अगले 5 साल में भारत में 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेंगे।

 एमएसएमई मंत्रालय के  ज्वाइंट सैक्रेटरी ने बताया कि मंत्रालय के पोर्टल पर हर दिन 30,000 से अधिक बिजनेसेज रजिस्ट्रर्ड हो रहे हैं, और मंत्रालय का लक्ष्य है इसी वर्ष के अंत तक 3 करोड़ से अधिक उद्यमियों का रजिस्ट्रेशन कर लिया जाए। 

देश में तेजी से उभरते उद्यमियों को प्रदान की जा रही विभिन्न योजनाओं और सहायता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘आंत्रप्रेन्योर्स हमारी अर्थव्यवस्था का आधार हैं, और उनकी सफलता हमारे देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार उद्यमिता को बढ़ावा देने वाला एक बेहतर ईकोसिस्टम प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है। ये ईकासिस्टम स्टार्टअप को सशक्त बनाता है, और रिटेल और एमएसएमई बिजनेसेज की ग्रोथ को अपना पूरा समर्थन प्रदान  करता है। इसके साथ ही लगातार एक्टिव नीतियों, मजबूत बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से, हम एक अनुकूल वातावरण बना रहे हैं जो इनोवेशन को बढ़ावा देता है, बिजनेस करने में आसानी को बढ़ावा देता है और आंत्रप्रेन्योरशिप प्रतिभाओं की वास्तविक क्षमताओं को उजागर करता है।’’

स्टार्टअप समिटि में उपस्थित आंत्रप्रेन्योर्स को विस्तृत जानकारी देते हुए मर्सी एपाओ ने कहा कि ‘‘हमारे पास 790 से अधिक प्रदर्शनियां हैं जहां सरकार वैश्विक बाजारों को समझने और निर्यात शुरू करने के लिए एमएसएमई को समर्थन देने वाली इंटरनेशनल कॉर्पोरेशंस स्कीम्स के तहत सहायता देती है। पहली बार निर्यातकों को जून 2022 में लॉन्च की गई आईसी योजना के नए कम्पोनेंट यानि कैपेसिटी बिल्डिंग ऑफ फस्र्ट टाइम एक्सपोर्ट्र्स (सीबीएफटीई) से लाभ उठाना चाहिए। जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट (जेड) सर्टीफिकेशन स्कीम के तहत, हमारे पास 44,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन हैं। हमारा लक्ष्य है सभी एमएसएमई को एक फार्मल प्लेटफॉर्म पर लाया जाए।’’

सरकार की पहलों में अनुकूल नीतियों की शुरूआत, रेगुलेटरी सुधार, कैपिटल तक आसान पहुंच, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास शामिल है, जिसका उद्देश्य उद्यमियों और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाना है। प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके, नौकरशाही बाधाओं को कम करके और संसाधनों तक पहुंच प्रदान करके, सरकार का लक्ष्य एक अनुकूल वातावरण बनाना है जहां इनोवेशन और क्रिएटिविटी को प्रोत्साहन मिले।

सरकार और निजी क्षेत्र के संस्थानों के बीच सहयोग के महत्व को पहचानते हुए गौरव मार्या ने सरकार की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘आंत्रप्रेन्योर्स और छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित करने में भारत सरकार का सक्रिय दृष्टिकोण सराहनीय है। उनकी प्रतिबद्धता सराहनीय है। एक सहायक और बेहतर ईकोसिस्टम का निर्माण करना जो स्टार्टअप और रिटेल एंटरप्राइजिज को प्रोत्साहित करता है, आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस सहयोगात्मक प्रयास से, हम महत्वाकांक्षी आंत्रप्रेन्योर्स के लिए अपार अवसरों को अनलॉक कर सकते हैं और एक तेजी से आगे बढ़ते बिजनेस लैंडस्कैप बना सकते हैं।’’

 उन्होंने कहा कि ‘‘एक्सपो सरकार की पहल, नीतियों और सहयोग के अवसरों पर चर्चा करने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा, साथ ही आज के प्रोग्रेसिव और डायनेमिक मार्केट में आंत्रप्रेन्योर्स और छोटे बिजनेस ओनर्स के सामने आने वाली चुनौतियों का भी समाधान करेगा। आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए सरकार का अटूट समर्थन है। इसक साथ ही छोटे बिजनेस एक इनक्लूसिव और सस्टेनेबल इकोनॉमिक ईकोसिस्टम बनाने के उसके दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। आंत्रप्रेन्योर्स, स्टार्टअप, रिटेल एंटरप्राइजिज और एमएसएमई को पोषण और सशक् बनाकर, सरकार का लक्ष्य भारत की विशाल क्षमता को अनलॉक करना और एक मजबूत, आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण करना है।’’

जेरेड मैजिस, सीईओ-बिजनेस डेवलपमेंट, बार्सिलोस ने कहा कि ‘‘कोविड से पहले हमारे पहले कार्यकाल में, जमीनी स्तर पर सीमित संख्या में स्टोर थे और ब्रांड कमजोर हो गया था। हम अब अपने मुख्य उत्पादों पर मजबूत फोकस के साथ वापस आना चाहते हैं और ब्रांड को जनता तक ले जाना चाहते हैं और ग्राहकों को स्टोर्स पर बार-बार आने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।’’

एक्सपो में हुई चर्चा के दौरान स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और इनोवेशन, नॉलेज एक्सचेंज और बाजार पहुंच को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेशनल सहभागिता पर केंद्रित है। फ्रैंचाइज़ इंडिया एक्सपो आंत्रप्रेन्योर्स, निवेशकों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्र्स को जोडऩे के लिए एक आदर्श प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है, जो सहयोग, और विचारों का आदान-प्रदान करने के संबंध में सार्थक चर्चा की सुविधा प्रदान करता है। एक्सपो में इच्छुक और स्थापित आंत्रप्रेन्योर्स को समान रूप से सशक्त बनाने के लिए एग्जीबिटर्स, जानकारी से भरपूर इनसाइटफुल सेशंस और नेटवर्किंग अवसरों की एक विस्तृत सीरीज़ पेश की गई है।

नीतिगत सुधारों के अलावा, सरकार नॉलेज के आदान-प्रदान, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और बाजार पहुंच के अवसरों को बढ़ाने के लिए रणनीतिक साझेदारी और इंटरनेशनल सहयोग को भी प्रोत्साहित करती है। ये प्रयास न केवल स्टार्टअप और रिटेल बिजनेसेज के विकास को बढ़ावा देंगे बल्कि एमएसएमई के ग्रोथ को भी बढ़ावा देंगे, जो भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार हैं।

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