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अवधेश बाजपेयी की कलाकृति ‘अज्ञात’ एचबीसीएसई के भारतीय चित्रकला संग्रह के लिए चयनित

जबलपुर दर्पण। नगर के चित्रकार अवधेश बाजपेयी की कलाकृति ‘अज्ञात’ का चयन नेशनल सेंटर ऑफ द टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) के होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एज्युकेशन मुंबई (एचबीसीएसई) की भारतीय चित्रकला संग्रह के लिए किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस संग्रह में देश के विख्यात चित्रकारों की कलाकृतियों का चयन वैज्ञानिक व नामचीन चित्रकारों की एक ज्यूरी करती है। अवधेश बाजपेयी जबलपुर व मध्यप्रदेश के प्रथम चित्रकार हैं जिनकी पेंटिंग को स्थायी संग्रह में प्रदर्शन के लिए चुना गया है।
क्या है भारतीय चित्रकला संग्रह-एचबीसीएसई की स्थापना डा. होमी भाभा ने 1945 में कई थी। डा. भाभा की अवधारणा कला और विज्ञान को एक साथ दुनिया के सामने लाना था। डा. भाभा स्वयं एक अच्छे चित्रकार थे। इस संग्रह में देश से सभी ऐतिहासिक चित्रकारों का संग्रह है। इसमें एम एफ हुसैन, बेन्द्रे, सूजा, आरा, हेब्बार, राजा, बस्ने सुधीर बट, गायतोंडे, जामिनी राय के चित्र व म्यूरल प्रमुख हैं।
नए संग्रह में डिस्प्ले होगा अवधेश का चित्र-एचबीसीएसई ने अपने नए संग्रह व प्रदर्शन हेतु अवधेश बाजपेयी का चित्र चुना है। उनका चित्र वैज्ञानिक अवधारणा से संबंधित है। अवधेश बाजपेयी के चित्र में मनुष्य की चेतना को संवेदनशील बनाने की कोशिश की गई है और यही उनके चित्रण का आधार है। अवधेश के चित्र डॉटिज्म पर आधारित हैं जो बिंदु, आकार व अणु से परिकल्पित होते हैं। अवधेश बाजपेयी पिछले तीन दशकों से अधिक से चित्रकला कर रहे हैं। देश भर की तमाम कला दीर्घाओं में उनकी प्रदर्शनी आयोजित हो चुकी है। इस वर्ष हरिशंकर परसाई की जन्म शताब्दी के अवसर पर उनकी पेंटिंग पर आधारित कैलेण्डर काफ़ी चर्चित हुआ है।

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