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अंतिम संस्कार को तरसते रिछाई वार्डं के वासी

जबलपुर दर्पण । आजादी के 75 साल बाद भी अपने परिजनों दो पत्थरों की बीच करते है अंतिम संस्कार है इनकों आज तक शमशान घाट की सुविधा नहीं मिल पाई। यह संस्कारधानी कहलाने वाला शहर जबलपुर नगर निगम की उदासीनता का दंश आज भी झेल रहा है कई सरकार आई गई कई पार्षद बने, पर किसी ने इस वार्ड की मूलभूत सुविधाओं को नहीं सुलझाया। आखिर जनता से इस तरह का व्यवहार अमानवीय है। रिछाई वार्ड 77 नं. में आज भी यहां के हजारों परिवार की आत्मीय भावनाओं को कदर नहीं की जा रही। गंदे नाले के बीच में दो पत्थरों में अंतिम संस्कार करने मजबूर हैं यहां के लोग। शिकायत करने बावजूद भी इनकी कोई सुनवाई नहीं। न नेता न प्रशासन बस सब यहां जनता से वोट मांगने के लिए अपना स्वार्थ निकालकर इतिश्री करते लेते है। ईएसओ इंडिया संगठन ने निगम प्रशासन को शिकायत करते हुए इस वार्ड में तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था कराने हेतु मांग की है । ईएसओ इंडिया के राष्ट्रीय महामंत्री अक्षय वर्मा ने चेतावनी दी है कि यहां जल्द से जल्द शमशान घाट का निर्माण नहीं कराया गया तो रिछाई वार्ड की जनता चुनाव का बहिष्कार भी करेगी साथ ही उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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