अयोग्य स्टाफ नर्स रजनी नायर को मेडिकल विश्वविद्यालय ने पर्यवेक्षक से हटाया
जबलपुर दर्पण। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने अयोग्य विवादित एवं कार्यक्षमताहीन स्टाफ नर्स को आयुर्वेद के छात्र छात्राओं की परीक्षा का पर्यवेक्षक बनाया गया था जिसको लेकर एनएसयूआई नेता रवि परमार ने गुरुवार को कुलपति को पत्र लिखकर तत्काल हटाने की मांग की थी एनएसयूआई मेडीकल विंग की शिकायत पर परीक्षा नियंत्रक ने अयोग्य स्टाफ नर्स रजनी नायर को हटाते हुए शासकीय यूनानी कॉलेज की प्रोफेसर डॉ हीना कौसर को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी।दरअसल, विवि प्रशासन ने विवादित एवं कार्यक्षमताहीन स्टाफ नर्स रजनी नायर को सोमवार को आयुर्वेद की परीक्षा के लिए पर्यवेक्षक बनाया था लेकिन इसे लेकर एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने साक्ष्यों के साथ विरोध जताया था।
रवि परमार ने मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर अयोग्य कार्यक्षमताहीन एवं विवादित स्टाफ नर्स को तत्काल हटाने की मांग करते हुए, विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए थे। परमार ने पूछा था कि क्या मध्यप्रदेश के आयुष कॉलेजों में योग्य प्राध्यापक नहीं हैं, जो एक अयोग्य नर्सिंग स्टाफ, जिन्हें आयुर्वेद का ज्ञान तक नहीं हैं उनको आयुर्वेद की परीक्षा का पर्यवेक्षक बनाया। ये विश्वविद्यालय के अधिकारियों की कार्यक्षमता का स्तर दर्शाता है।
रवि परमार ने अयोग्य नर्सिंग स्टाफ रजनी नायर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कुछ समय पहले हमीदिया नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने तत्कालीन उप प्राचार्य रजनी नायर के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन में 131 शिकायतें की थी। वहीं हमीदिया नर्सिंग कॉलेज की सभी छात्राओं ने रजनी नायर के खिलाफ 3 दिन तक लगातार विरोध प्रदर्शन भी किया था जिसके बाद रजनी नायर को उप प्राचार्य के पद पर हटा दिया गया था। लेकिन छात्राएं मुकदमा दर्ज करवाने की मांग पर आखिरी वक्त तक अड़ी रहीं, उसके बाद उन्हें नर्सिंग कॉलेज से हटाकर उनकी मूल पदस्थापना हमीदिया अस्पताल में स्टाफ नर्स के तौर पर अस्थाई रूप से नर्सिंग कॉलेज में प्राध्यापक के लिए रखा गया है। लेकिन विवि द्वारा अयोग्य विवादित रजनी नायर को अब पर्यवेक्षक के कार्य से भी मुक्त कर दिया गया है।
रवि परमार ने कुलपति से मांग करते हुए कहा था कि अयोग्य विवादित एवं कार्यक्षमताहीन पर्यवेक्षक रजनी नायर को तत्काल कार्यमुक्त कर ब्लैकलिस्ट करें और आयुष कॉलेज के किसी योग्य प्राध्यापक को पर्यवेक्षक का कार्य सौंपे, जिसके चलते रजनी नायर को पर्यवेक्षक के कार्य से भी हाथ धोना पड़ा।परमार ने रजनी नायर को हटाने पर कहा कि अयोग्य विवादित लोग विवि के अधिकारियों से साठ-गांठ कर बन जाते हैं लेकिन हम छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे ।