मानसिक दिव्यांग चांदनी साहू 23 वर्ष ने दिया मासूम को जन्म प्रेमी जेल मै जिसने बनाये थे संबंध.

नाम चांदनी साहू पिता स्व राजेंद्र प्रसाद माँ तारा बाई.
जबलपुर दर्पण।चांदनी 23 वर्ष अर्ध मानसिक हालात मै कई वर्षो से भटक रही थी पिता के गुजरने के बाद माँ अपना जीवन यापन कर रही थी मानसिक स्थिति ठीक न होने से चाँदनी यहाँ वहाँ चलीं जाती थी माँ दिहाड़ी कार्य कर जीवन यापन करती थी कभी तिलवारा कभी ग्वारीघाट मै झोपडी बनाकर रहतीं थी कुछ साल दो साल पहले संतोष गोटीया नामक युवक जो मजदूरी करता था चांदनी के सम्पर्क मै आया और कुछ 9 माँह पहले वह गर्भवती हो गई तो संतोष मदन महल स्टेशन मै चाँदनी को छोड़ भाग गया तब पुलिस के माध्यम से वन स्टॉफ सेंटर इंदिरा मार्केट शिफ्ट किया गया. वहाँ से आये दिन चाँदनी भाग जाती और इसकी शिकायत थानो मै की जाती 4 -5 मांह पहले मोक्ष आशीष ठाकुर को मिली चांदनी तो उसे मोक्ष आश्रय रखा गया जहाँ उसे खाना पानी मिलता और आये दिन उसे स्टाप सेंटर अशुमान जी के नेतृत्व मै भेजा जाता अब वहाँ से फिर जो भागी तो तिलवारा अपनी माँ के पास झोपडी पहुंच गई और फिर भटक रही थी हो गया दर्द तो मेडिकल भर्ती कराया गया जहाँ एक दिन पहले उसने नवजात को जन्म दिया बच्चे के जन्म के बाद से सामान्य व्योहार कर रही चांदनी. चांदनी की माँ की तलाश कर आशीष सहयोगीयों के माध्यम से मिलवाया गया.आरोपी संतोष को दो महीने बाद पुलिस ने तलाश कर भेजा था जेल तब से है जबलपुर जेल मै.चाहत -चांदनी की अब चाहती है संतोष जो माशूम का पिता है छूट जाये जेल से अस्पताल से छुट्टी के बाद कहाँ जाए कह रही आशीष भईया छुड़ा दो संतोष को पर उसे यह भी नहीं पता किसे थाने मै रिपोट और कहाँ न्यायालय मै मामला हालकी पहले भी कई बार जेल के बाहर अनपढ़ करती रही संतोष का इंतजार.उपहार -मोक्ष आशीष ठाकुर सहयोगी कaर रहे हर मदद चांदनी को और बच्चे को उपहार स्वरूप हर जरूरत का सामान बच्चे माँ के कपड़े खिलोने बेड शीट कंबल दवा मैक्सी शूट सम्भव सामन आर्थिक मदद की और हर जरूरत पर मदद का भरोषा जताया.आशीष की आपील -चांदनी मेडिकल मै है दुसरी मंजिल मै एडमिट उसके लिए मदद के हाथ बढे तो उसे मिले मदद अब चांदनी के साथ मासूम भी खुली हवा मै जिसे संस्कारधानी के प्रेम सहयोग की आवश्यकता नवजात को चांदनी का नहीं बन रहा आधार कार्ड न कोई आईडी..
चांदनी अपने बच्चे के साथ अलग रहना चाहती है उसकी कुटीया बनाएगे आशीष और जच्चा बच्चा को होती रहे मदद तो आप सब भी करे सहयोग.मोक्ष आश्रय मै भी मानसिक बुजुर्ग और युवतीयाँ जिन्हे नहीं कोई खबर दुराचार की शिकार मिली थी वर्षो पहले कुछ ठीक हुयी कुछ की स्थिति जस की तस. सहयोगी रहे योगेश कोरे प्रशांत नीरज मिश्रा विवके संकेत जैन शिव नारायण सिंह राकेश गुप्ता विकी ठाकुर सूरज.।