जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेशसाहित्य दर्पण

अनमोल दुआओं का असर जारी है जिंदगी का सफर

जबलपुर दर्पण। कुछ शख्सियत ऐसी होती हैं जो अपने व्यवहार कौशल्यता और अपने प्रतिभाओं की दूसरों के हृदय पर अमिट छाप छोड़ देती हैं। उनका संसर्ग सबको बहुत अच्छा लगता है। उनका सरल होना सहज होना मृदुभाषी होना सबको एक सम सम्मान देना उलझी समस्याओं को पल में सुलझा लेना मिलनसार होना भल मन साहत और नेकी का भंडार होना ऐसे बहुआयामी गुणों के स्वामी होना अवश्य ही यह प्रभु प्रदत्त कहलाते हैं । निसंदेह ऐसे ही एक व्यक्ति हमारी सोसाइटी में है जो सबको प्रसन्न रखने की चेष्टा में लगे रहते हैं वह है सबके‌ प्रिय अनिल शुक्ला जी। दो वर्ष पूर्व हमारी सोसाइटी में आए थे। कोई इन्हें जानता नहीं था। लेकिन अपने मधुर और सद् व्यवहार से इन्होंने बहुत कम समय में सब के हृदय जीत लिए, यहां तक की सबने सर्व सम्मति से इन्हें अजय सत्य प्रकाश होम्स सोसाइटी समिति तिलहरी का अध्यक्ष भी निर्विरोध चुन लिया। नगर की इस सम्भ्रांत और आदर्श सोसाइटी के विकास में हमेशा समर्पित रहना, अगर कोई समस्या है उसे मिलजुल कर सुलझाना इन्होंने अपना परम दायित्व बना लिया है। इन्हें जोड़ना आता है, यहां तक की जो सोसाइटी के साथ नहीं जुड़ा था उन्हें भी इन्होंने अपने शालीन व्यवहार से जोड़ लिया। शंकर भगवान के मंदिर के लिए सोसायटी के सभी सम्माननीय, सम्भ्रांत जनों के आग्रह पर क्षेत्रीय यशस्वी विधायक श्री अशोक रोहाणी एवं नगर निगम जबलपुर के अध्यक्ष यशस्वी श्री रिंकू विज ने सोसायटी परिसर में शिव मंदिर निर्माण कराने की सहर्ष घोषणा कर विधिविधान से भूमि पूजन की, जो अब निर्माणाधीन है। इसमें सोसाइटी के सभी रहवासियों संग‌, सोसायटी अध्यक्ष अनिल शुक्ला की पवित्र सद्भावना अत्यंत ही सराहनीय है। देवो के देव महादेव, एकांतेश्वर शंकर भगवान की श्रीकृपा अनिल पर सदा बनी रहे। मेरा परिचय इनसे लंबे समय‌ से था लेकिन आत्मीयता अभी हुई। बातों बातों में अनिल शुक्ला ने बताया कि ग्रामीण अंचल बिहर(पनागर) में राजवैद्य व सरपंच सम्मनानीय गोजी लाल शुक्ला के छोटे सुपुत्र जगदीश प्रसाद शुक्ला (पटवारी जी) के घर आंगन में जन्में थे, बचपन धूल मिट्टी से लबरेज था गाँव का हर रिश्ता अपनेपन का एहसास करता हुआ खुशिओं से जीवन का सफर शुरू हुआ। लेकिन बेहद अफ़सोस है कि इस खूबसूरत दुनिया में आज जिनकी वजह से वे है, अब उनके पूज्य पिता इस नश्वर संसार में नही है, बस उनके दिये संस्कार, उनकी पावन स्मृतियां ही आशीर्वाद स्वरूप अनमोल ज़िंदगी को सन्मार्ग प्रशस्त कर रही हैं । अनिल अपने जन्मदाता पूज्यनीय जगदीश प्रसाद शुक्ला- ममता मयी माँ श्रीमती भगवती देवी शुक्ला के छोटे बेटे है, शिव कुमार शुक्ला, अजय शुक्ला के अनुज, सुसंस्कारित श्रीमती मनीषा शुक्ला के हमसफ़र, सौभाग्यशाली अनुराग-नेहा के पापा जी, एवं घर आंगन को अपनी अनमोल किलकारियों से गुंजित करने वाले श्रेयश पांडेय के नाना जी, श्रीयम अग्रिमा व जय अग्रिम शुक्ला के दादा जी है। प्रतिभावान इंजी.अंकित पांडेय को अपना दामाद और संस्कारवान पुत्रबधु गरिमा जैसी बहुरानी, को पाकर अपने भगवान का सुपर उपहार मानते हुए अपने अनमोल जीवन को सार्थक मानते है। वे कहते है भगवान से जो प्राप्त है, जीवन मे वो ही पर्याप्त है । उनकी शिक्षा दीक्षा फूटाताल, पनागर व जबलपुर से हुई है। अनिल शुक्ला, भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय के आयुध निर्माणी संगठन की महत्वपूर्ण इकाई सुरक्षा संस्थान ग्रे आयरन फाउंड्री(जीआईएफ) जबलपुर में निजी सचिव(जन संपर्क अधिकारी) के पद से सम्मान सेवानिवृत्त हुए है। वे अपने यशस्वी सेवा काल में लगभग दो सौ से अधिक पुरस्कारो से नवाजे जा चुके है। पाँच बार भारत सरकार के माननीय केंद्रीय मंत्रियो से दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है । इनका मंच संचालन अत्यंत ही सारगर्भित, मनभावन रहता है उन्हें मंच संचालन में महारत प्राप्त है। जीआईएफ सुरक्षा संस्थान की गृह पत्रिका चेतना में अपनी कलम से प्रेरक लेखनीय कार्य किया और लंबे समय तक संपादक की भूमिका अदा की है। नगर की प्रतिष्ठ साहित्यिक संस्थाओं एवं राजभाषा की विकास यात्रा में पूर्ण समर्पण, सीनियर सिटीजन के संगठनों सेवा भाव मे अग्रसर रहते है ।
वे मानते है कि यदि समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो। जीवन में दो चीजों का कभी अंत नहीं होता भगवान की कथा और मनुष्य की व्यथा। किसी के सुख का कारण बनो, दुख में भागीदार बनो । ऐसा करो कि आपके सदविचारों पर दूसरे विचार करें । ऐसी ही पावन सदभावना उनके जीवन का लक्ष्य है। अभी अनिल शुक्ला पत्रकार की भूमिका अदा कर रहे हैं और समाज की हर अच्छाइयों को प्रकाशित करने के प्रयास में रहते हैं। प्रतिभाओं को उजागर करने के प्रयास में लगे रहते हैं। किसी को खुशी देना ये अपना परम सौभाग्य मानते हैं। जिनके भी जन्मदिन हो उनके जन्मदिन के अवसर पर आप उनकी अच्छाइयों, प्रतिभाओं और उनके गुणों का वर्णन कर शुभकामनाएं देते हैं। आज अनिल शुक्ल का जन्मदिन है, तो क्यों न आपके इस शुभ दिन पर आपकी असाधारण प्रतिभाओं को उजागर कर सबके समक्ष रखकर इस रूप में आपको शुभकामनाएं और बधाइयां दूं।

प्रो. रवीन्द्र मक्कड़
अजय सत्य प्रकाश होम्स तिलहरी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page