हे मैखले सुध लेना हमारी….
मंथन श्री मंडला, अखिल भारतीय हिंदी सेवा समिति एवं म प्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति का संयुक्त ऑनलाइन आयोजन
विगत दिनों मंथन श्री मंडला, अखिल भारतीय हिंदी सेवा समिति एवं म प्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के संयुक्त तत्वाधान में ऑनलाइन मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। अध्यक्षता कर रही डॉ सरिता अग्निहोत्री मुख्य अतिथि रेखा नेमा , अखिल भारतीय हिंदी सेवा समिति की विशिष्ट अतिथि डॉ. संध्या शुक्ल ‘मृदुल’ के विशिष्ठ आतिथ्य में संपन्न इस आयोजन में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर स्वरचित रचनाएं प्रस्तुत कीं।
डॉ. संध्या शुक्ल ने अपनी प्रस्तुति में कहा, रंग बिरंगी ताजी-ताजी हरी भरी ये फल और सब्जियां, पौष्टिकता से भरपूर होती सेहत की हैं चाबियां। शीत ऋतु के दिन होते छोटे सब बैठे ले कंबल रजाई प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे ने कहा, मिले हौसले को उड़ान तो मिट जाएं सब उलझन। सरिता अग्निहोत्री मां रेवा की वंदना करते हुए कहती हैं, हे मेखले सुध लेना हमारी हो रेवा प्यारी हे तारणहारी। अन्नपूर्णा पांडे शीत ऋतु पर अपनी रचना के माध्यम से कहा, गेंहूं, रागी, मक्का बाजरा ज्वार यही पौष्टिक आहार। सपना ‘क्षितिज’ मां दुर्गा की आराधना करते हुए कहती हैं, खेलूं मैं गरबा आज में तेरे दरबार में जमके। प्रो. (डॉ.) इंदु मिश्र शीत लहर पर अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहती हैं, शीत लहर ले सर्दी आई सबसे पहले निकली रजाई। सविता मोदी ने देश-प्रेम से ओत-प्रोत कविता के माध्यम से कहा, देश की रक्षा की खातिर हम जान न्यौछावर कर दंेगे। रेखा ताम्रकार ‘राज’ ठंड के मौसम पर अपनी बात कहती हैं, ठंडी आई भई ठंडी आई स्वेटर तो निकालो भाई। शिक्षिका डॉ स्वल्पा बड़गैया ने कहा, बनो मजबूत रहो स्वस्थ गजक रेवड़ी गाजर हलवा गुड़ मूंगफली खा सेहत बनाओ। रेखा नेमा कहती हैं, तन में सिहरन ठिठुरन लेकर देखो सर्दी आई है, ये दिन होते छोटे लंबी रातें हैं दुबके बैठे हैं कंबल में सब करते मीठी बातें हैं। कार्यक्रम का सफल संचालन अन्नपूर्णा पांडे एवं आभार प्रदर्शन रेखा ताम्रकार ने किया।