महिलायें ही परिवार, समाज में अच्छे संस्कार और परिवर्तन ला सकती है: निर्मला नायक
मां नर्मदा सामाजिक सेवा न्यास ने किया एक दिवसीय मातृशक्ति सम्मलेन का आयोजन
तीन सत्रों के दौरान विभिन्न विषयों पर हुआ चिंतन
मंडला दर्पण। रविवार को मां नर्मदा सामाजिक सेवा न्यास मंडला के महिला समन्वय विभाग द्वारा एक दिवसीय मातृशक्ति सम्मलेन का आयोजन किया गया। ‘भारतीय चिंतन में महिला’ विषय पर स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर में तीन सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान जिले के 9 विकासखंडों की करीब 1200 महिलाओं ने सहभागिता की। इस सम्मलेन में निर्मला नायक पूर्व शासकीय अधिवक्ता उच्च न्यायालय जबलपुर एवं वसुंधरा सिंह अभाविप मध्य क्षेत्र की छात्रा प्रमुख मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रही। जिन्होंने अलग अलग सत्रों में उपस्थित मातृशक्तियों का विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम के दौरान मातृशक्तियों के उत्साह वर्धन के लिए पीएचई विभाग की कैबिनेट मंत्री संपतिया उइके श्रोता के तौर पर उपस्थित रहीं।
परिवेश में सुधार लाने के लिये महिलाओं की अहम भूमिका
सम्मलेन का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। जिसके उपरांत आयोजित प्रथम सत्र की मुख्य वक्ता निर्मला नायक ने ‘भारतीय चिंतन में महिला’ विषय पर उपस्थित मात्रशक्तियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलायें ही परिवार और समाज में एक अच्छे संस्कार ला सकती है, वे पहले घर और बाद में समाज में परिवर्तन ला सकती है। आज के परिवेश में लोग संस्कार को भूल गये है, आत्मीयता नहीं रह गई है, बड़ों का सम्मान भूल गये है। इस परिवेश को सुधार लाने के लिये हम महिलाओं की अहम भूमिका है।
निरंतर आगे बढ़ते रहने में ही मिलती है सफलता
प्रथम सत्र की मुख्य अतिथि 2013 में राष्ट्रपति पुरुस्कार प्राप्त एवं अशिक्षा को दूर करने में अपना जीवन समर्पित करने वाली उत्तरा पड़वार ने अपने सम्बोधन में कहा कि काम चाहे छोटा हो या बड़ा उसमें कठिनाइयों तो आती है, पर हमे पीछे नहीं हटना है। मन में संकल्प लेकर निरंतर आगे बढ़ते रहने में ही सफलता मिलती है। प्रथम सत्र में विशिष्ट अतिथि के तौर पर शारदा सिंह कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग मंडला उपस्थित थी। सत्र के दौरान मंच संचालन उर्मिला बैरागी ने किया।
समस्यायों के उन्मूलन के लिए किया जाएगा कार्य
मातृशक्ति सम्मलेन का द्वितीय सत्र गट सह हुआ। सत्र में उपस्थित महिलाओं के शिक्षा, उम्र आदि के आधार पर 12 गट बनाये गए। जिसमें महिलाओं की स्थानीय समस्यायों जैसे सामाजिक, स्वास्थ्य, शैक्षणिक, नशा, व्यशन, अंधविश्वास, कुरीतियों, बाल विवाह जैसे विषय में बिंदु लेखन हुआ। चर्चा में आए विषयों को लेकर आगामी महीनों में योजना बनाई जाएगी और चिन्हित गांवों में इन समस्यायों के उन्मूलन के लिए कार्य किया जाएगा।
उत्कृष्ट कार्य करने वाली मातृशक्तियों के मार्ग पर चलें
सम्मलेन का तीसरे सत्र का विषय ‘भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका’ था। सत्र की मुख्य वक्ता अभाविप मध्य क्षेत्र की छात्रा प्रमुख वसुंधरा सिंह ने आज की युवा पीढ़ी को संबोधित करते हुए कहा कि किसी में क्षेत्र में जाने के लिये हम उन मातृशक्तियों को याद करें जिन्होंने अपने कार्य से प्रदेश या देश को गौरवान्वित किया है। वे प्रशासनिक, धार्मिक, राजनैतिक किसी भी क्षेत्र में अग्रसर हों हमें भी उनके मार्ग पर चलना चाहिए। इस तृतीय सत्र की मुख्य अतिथि मृदुला कल्पिवार डायरेक्टर मृदु किशोर ग्रुप एवं विशिष्ट अतिथि के तौर पर आशिमा पटैल रावतपुरा सरकार पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट की मुख्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रही। इस सत्र का मंच संचालन उर्वशी राय ने किया। इस दौरान जिले भर से बड़ी संख्या में पहुंची मातृशक्ति एवं मां नर्मदा सामाजिक सेवा न्यास मंडला के महिला समन्वय विभाग की कार्यकर्ता उपस्थित रही।