क्रमोन्नति न मिलने से अध्यापक संवर्ग को हो रहा आर्थिक नुकसान
जबलपुर दर्पण। मध्य प्रदेष जागरूक अधिकारी कर्मचारी संगठन की महिला प्रकोष्ठ प्रदेष अध्यक्ष डाॅ रष्मि यादव ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि शासन के नियमानुसार शासकीय लोक सेवकों को 12 वर्ष पूंर्ण करने पर प्रथम क्रमोन्नति का लाभ दिया जाता है ऐसे आदेष षिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों के लिए भी हुए थे परंतु 8 माचर््ा 2020 को शासन के आदेषानुसार उस पर रोक लगा दी गयी। जिससे उन्हे तीन से चार हजार रूप्ये का नुकसान प्रतिमाह हो रहा है और उस आदेष को लगभग चार वर्ष पूंर्ण हो रहा है परंतु शासन की उदासीनता के चलते आज दिनांक तक अध्यापकों की प्रथम क्रमोन्नति के लिए शासन द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया। 12 वर्ष पूंर्ण होने पर प्रथम क्रमोन्नति एवं 24 वर्ष पूंर्ण होने पर द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ मिलना चाहिए परंतु आज दिनांक तक ये अध्यापक संवर्ग के षिक्षक इस लाभ को पाने से वंचित है। जिससे अध्यापकों में रोष व्याप्त है।
संघ ने आगे बताया कि सन 2006 और 2007 में अधिकतम नियुक्तियां हुई थी जिन्हे लगभग 14 से 15 वर्ष पूंर्ण होने के बावजूद उन्हे प्रथम क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिल पाया जो कि 12 वर्ष पूंर्ण होने पर मिलना चाहिए था यह अध्यापकों के साथ अन्याय है छलावा है जिससे अध्यापक संवर्ग को आर्थिक नुकसान हो रहा है परंतु बार बार मांग करने पर भी शासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। जिससे अध्यापक संवर्ग खफा है।
संघ की महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष – डा.रष्मि यादव, संजना स्वंर्णकार, ऊषा किरण, शवाना परवीन खान, स्वाती गड़ेवाल, संजू राय, सविता खरे, प्रियंका सिंह, हेमलता मेषराम, गजा़ला परवीन, माया कुंडे, सहजादी अख्तर, रूबी खाना, संगीता कोष्टा, अख्तर बेगम अंसारी, नाहिद अख्तर, अंजुम आरा, इतरत जहां, गरिमा ठाकुर आदि ने शासन से मांग की है कि अध्यापक संवर्ग की प्रथम एव्ंा द्वितीय क्रमोन्नति के लिए शीघ्र निर्णय लेते हुए आदेष जारी किए जाए।