जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

सशक्त हस्ताक्षर का द्वितीय वार्षिकोत्सव कला वीथिका में अपार सफलता के साथ सानंद सम्पन्न

जबलपुर दर्पण। सर्वप्रथम संस्थापक गणेश श्रीवास्तव प्यासा ने शब्द सुमनों से सभी का अभिनंदन किया। मुख्य अतिथि डॉ. अशोक कुमार तिवारी संस्थापक अध्यक्ष, संगीत श्रोता समाज जो पंजीकृत सागर, अध्यक्षता ब्रह्मर्षि महामहोपाध्याय आचार्य डॉ. हरिशंकर दुबे, विशिष्ट अतिथि एड. प्रभा खरे अखिल, श्रीमती रत्ना श्रीवास्तव राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अ. भा. कायस्थ महासभा, श्रीमती आनंद ज्योति पाठक पूर्व सशक्तीकरण अधिकारी, स्वागाताध्यक्ष मंचमणि राजेश पाठक प्रवीण,राजकुमारी रैकवार राज अध्यक्ष स्वर झंकार म्युजिकल ग्रुप, शायर जलज शर्मा सोहागपुर की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ ၊ सभी मान्य अतिथियों का शाल, श्रीफल, मानपत्र से सम्मानित किया गया ၊ मंगलभाव राजेन्द्र मिश्रा, संतोष नेमा संतोष, प्रतुल श्रीवास्तव,एड. राजीवलाल श्रीवास्तव, एड. शशि खरे, डॉ सलमा जमाल,छाया त्रिवेदी, शशिकला सेन,अर्चना मलैया,डॉ. विजय तिवारी किसलय ने सशक्त हस्ताक्षर को शुभकामनाएँ दी।
मुख्य अतिथि डॉ. अशोक कुमार तिवारी ने भारतीय महान नारियों का साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान बताया एवं महिलाओं के लेखन क्षेत्र भी जुड़ने की बात कही, उन्होंने यह भी बताया पढ़ने योग्य ही लिखा जाये। अध्यक्ष डॉ. हरिशंकर दुबे ने सशक्त हस्ताक्षर का महत्व बताया। इस अवसर पर समाज सेवक पं. अरविंद कुमार तिवारी जबलपुर, शायर जलज शर्मा सोहापुर, साहित्य, समाज, संस्कृति, कला को समर्पित संस्था अंतस्‌ के संस्थापक डॉ. प्रो. अनिल कोरी, निर्देशिका विनीता पैगवार विधि, कायस्थ समाज को समर्पित चंद्रकला सक्सेना, अनिल सक्सेना दंपत्ति का, प्रदीप खरे,पन्ना रैपुरा से पधारे कवि श्रेष्ठ डॉ. राजीव खरे, सिहोरा से युवा कवि मुकेश त्रिपाठी, कटनी से ग़जलकार चंद्र किशोर श्रीवास्तव चंदन, देवेन्द्र पाठक महरूम, आनंद तिवारी,रागिनी मित्तल, इंद्राना से इंद्र सिंह राजपूत, कछार गांव सिहोरा से अखिलेश खरे अखिल, ढीमरखेड़ा से बालमुकुंद लखेरा को भी सम्मानित किया गया।
सलाहकार, हिंदी के भक्त कवि संगम त्रिपाठी, महासचिव गुलजारी जैन, अध्यक्ष मदन श्रीवास्तव,उपाध्यक्ष डॉ. मुकुल तिवारी, युवा कवि अम्लान गुहा नियोगी, कुंजीलाल चक्रवर्ती निर्झर भेड़ा घाट, बुंदेली, हिन्दी के वरिष्ठ कवि जयप्रकाश श्रीवास्तव की रचनाओं ने भरपूर मनोरंजन किया। तरूणा खरे, निर्मला उत्तम श्रीवास्तव, दिलदार चौधरी, कालीदास ताम्रकार काली, आशुतोष तिवारी ने समां बांध दिया। प्रभा बच्चन श्रीवास्तव, प्रकाश सिंह ठाकुर, रेखा श्रीवास्तव, मीना श्रीवास्तव, श्रीमती बक्शी मैडम, रश्मि खरे रश्मि ने शानदार प्रस्तुतियाँ दी ၊ कीर्ति भटनागर, मनीष भटनागर, सिद्धेश्वरी सराफ शीलू, आरती श्रीवास्तव, वैशाली वर्मा पूर्णिका, श्रीराम नामदेव, चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव, डॉ. ताराचंद कुशवाहा, हेमन्त बोन्द्रे, श्रीमती नीलम सक्सेना बोन्द्रे, संदीप खरे युवराज, विजय नेमा अनुज, अमर सिंह वर्मा ने मंच को नयी ऊँचाईयाँ दी ၊यशोवर्धन पाठक, आकाश पाण्डेय, केशरी प्रसाद पाण्डेय वृहद, हरीश चिमनानी, डॉ. आशा श्रीवास्तव, पं. दीनदयाल तिवारी की कविताओं ने गहरा असर छोड़ा। जी . पी. जायसवाल, रमाकांत गौतम, राजेन्द्र ब्यौहार, उदय भास्कर अम्बष्ठ, वानप्रस्थ मंच से आर. के. अग्रवाल, अशोक सुहाने, कमल ताम्रकार की गरिमामय उपस्थिति रही। संचालन गणेश श्रीवास्तव प्यासा, आभार मदन श्रीवास्तव ने किया।

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