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पंचायतों में कार्यालयीन ख़र्चा के नाम पर, जिम्मेदार लोग लगा रहे प्रशासन को चूना

डिंडोरी, जबलपुर दर्पण ब्यूरो। आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडोरी के ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के लिए आई लाखों की राशि को पंचायत के जिम्मेदार लोग किस तरह से बंटाधार कर प्रशासन को लाखों का चूना लगा रहे हैं, उसकी बानगी उनकी वार्षिक आडिट रिपोर्ट को देख कर लगया जा सकता है। आरोपों के मुताबिक पंचायत के जिम्मेदार लोग हर साल कार्यालयीन ख़र्चा में स्टेशनरी, नेट बैलेंस, वाईफाई नेटवर्किंग सुविधा, मोबाइल, फोटो कॉपी, कंप्यूटर सहित अन्य के नाम पर लाखों रुपए के फर्जी बिल काटे जा रहे हैं, जबकि जमीनी स्तर पर पंचायतों में सामानों की खरीदी नजर नहीं आ रही। एक तरफ सरकार जनता पर भारीभरकम टेक्स लगाकर पैसे जमा करके विकास को दोहरी रफ्तार देने को चाह रही है, लेकिन यहां तथाकथित ग्राम पंचायतों के जिम्मेदार लोग जनता के खून पसीने की गाढ़ी कमाई को विकास के नाम पर घोटाला करके लुटाते दिखाई दे रहे हैं। मामले में गौर करने वाली बात तो यह है कि बिना सामग्री खरीदी के फर्जी तरीके से बिल कैसे पास हो रहे हैं, क्या कमीशनखोरी तो पंचायतों में हावी नहीं है। गौरतलब है कि तथाकथित इन पंचायत के जिम्मेदारों पर प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ होते हैं, यही कारण है कि शिकायतों के बाद भी खानापूर्ति तक ही कार्रवाई सीमित रहती है।

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