श्रीमद्भागवत भगवान नारायण का वांग्मय विग्रह: स्वामी अशोकानंद जी महाराज
जबलपुर दर्पण। श्रीमद्भागवत भागवत सिर्फ पुराण नहीं है वह भगवान नारायण का वांग्मय विग्रह है। संपूर्ण ब्रह्मांड में दिवस सात ही होते हैं, इन्हीं सात दिनों में जीवन यापन, हरि नाम स्मरण, दैनिक क्रियाओं का संपादन होता है। भागवत में परीक्षित हम और आप सभी है जो जन्म के साथ ही मृत्यु रूपी काल का इंतजार करते हैं। मृत्यु के पूर्व जीवन को उत्सव में परिवर्तित करने के लिए श्रीहरि नाम स्मरण और सामूहिक संकीर्तन करते हुए सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है उक्त उद्गार भक्तिधाम गौरी घाट में पितृपक्ष के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस अंतरराष्ट्रीय भागवताचार्य स्वामी अशोकानंद जी ने व्यास पीठ से कहे।
पितृपक्ष पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में श्रीराधा कृष्ण, भागवत पुराण, व्यास पीठ पूजन पं वेदांत शर्मा, आशीष महाराज, पप्पू लालवानी, उमेश पारवानी, विजय पंजवानी, दिलीप तलरेजा,करिश्मा शर्मा, जया, वीनू मखीजा, प्रिया पंजवानी, पुष्पराज तिवारी सहित भागवत सेवा समिति के सेवकों,श्रृद्धालुओं की उपस्थिति रही।