परमात्मा से जुड़ा हर जीव भाग्यवान: कौशिक जी महाराज
जबलपुर दर्पण। तुलसी तपोवन गौशाला के सहायतार्थ नर्मदा गौ कुंभ मेला ग्राउंड गीता धाम में अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पुराण मनीषी श्री कौशिक जी महाराज ने कहा कि जो मन कर्म वचन से भगवान से जुड़े वहीं भाग्यवान हैं। हरि स्मरण छोड़कर सिर्फ भोग विलास में लिप्त रहता है वो जीव भाग्य विहीन हो जाता है। जीव के पतन का कारण बनता है। अतः सदैव हरि नाम जपना चाहिए। हरि नाम स्मरण सर्व हितकारी है। परमात्मा से मिलन होते ही पवित्र बुध्दि, उदार मन, परोपकारी भावनाओं के साथ दया का भाव मन में जाग्रत हो जाता है। रामकथा व्यास कौशिक जी महाराज ने कहा देवभाषा संस्कृत से जुड़ने से संस्कार, संस्कृति का ज्ञान होता है। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है, आधुनिक युग में कंप्यूटर की कोडिंग भी संस्कृत भाषा से हुई है। गौमाता संरक्षण के लिए हर नागरिक को समर्पित भाव से कार्य करना चाहिए, जिससे जगत कल्याण होगा।
व्यास पीठ पूजन पंडित रामदेव शास्त्री, ओंकार दुबे, मुन्ना पांडे,रामजी अग्रवाल, शरद काबरा,
ब्रजेश शर्मा, आचार्य राममोहन, सत्यम त्रिपाठी अंकित शर्मा शिवम शर्मा राकेश व्दिवेदी आशीष पाराशर रामनरेश द्विवेदी आचार्य मुकुंद शास्त्री ने किया।
श्रीराम कथा में श्रृद्धालुओं की उपस्थिति रही।
श्रीराम कथा में आज दोपहर 1 बजे से श्री कौशिक जी महाराज कथा का वाचन करेंगे। अति रुद्र समन्वय चंडी महायज्ञ में आहुतियां प्रारंभ होगी।