नगर कांग्रेस का आगा चौक में विशाल धरने का आयोजन
जबलपुर दर्पण। उत्तर-मध्य विधानसभा अंतर्गत कस्तूरबा गांधी वार्ड, महात्मा गांधी वार्ड अंतर्गत आगा चौक, आगा चौक से पड़ाव, आगा चौक से बल्देवबाग, आगा चौक से रानीताल शमशान रोड पर एवं 800 करोड़ की लागत से निर्मित फ्लाई ओवर के नीचे इस क्षेत्र में स्थित ट्रांसपोर्ट संचालकों के बड़े-बड़े ट्रक दिन रात पार्क रहते हैं जिससे जनता को आवागमन में भारी परेशानी होती हैं तथा दुर्घटनाएं होती रहती हैं तथा गंभीर दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, उपरोक्त सड़कों पर जो कि रहवासी क्षेत्र है बड़े-बड़े वाहन पार्क होने से साफ सफाई नहीं हो पाती तथा मृतकों की अंतिम यात्रा निकलने में भी भारी वाहनों से परेशानी होती है। उपरोक्त स्थल स्मार्ट सिटी के अंतर्गत आता है इसके बावजूद भी इस क्षेत्र की अवैध वाहनों की पार्किंग के कारण दुर्गती हो चुकी है तथा स्मार्ट सिटी प्रतीत ही नहीं होती, इन रोडों पर सैकड़ों बड़े-बड़े वाहन महीनों खड़े रहते हैं जिनके कारण तथा सफाई व्यवस्था चौपट हो चुकी है तथा संक्रामक रोग फैलने की संभावना है, तथ आगा चौक के चारों ओर दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है, शहर के पासपास हाईवे एवं रिंग रोड तैयार हो रहे हैं किन्तु फिर भी बड़े-बड़े वाहन दिन-रात शहर में धमाचौकड़ी मचाते हैं तथा ट्रान्सपोर्ट नगर चंडालभाटा, महाराजपुर के अतिरिक्त औरिया बायपास में भी प्रस्तावित है जिसे जबलपुर विकास प्राधिकरण को बनाना है, उसे अविलम्ब बनाया जावे एवं ट्रान्सपोर्ट वहां स्थानान्तरित किये जावें, आगा चौक से बल्देवबाग तक सैकड़ों ट्रान्सपोर्ट हैं, प्रत्येक ट्रान्सपोर्टर्स के पर अनेकों ट्रक हैं, ट्रान्सपोर्ट नगर चंडालभाटा एवं महाराजपुर में अवैध रूप से ट्रान्सपोर्ट संचालित हो रहे हैं जो कि जांच एवं कार्यवाही का विषय है। इस बावद मेरे द्वारा अनेकों बार यातायात विभाग एवं उच्च अधिकारियों को आवेदन दिये गये किन्तु यातायात विभाग एवं प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है, आजादी के बाद से शहर की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है, उसी हिसाब से शहर से बस स्टेण्ड, कृषि उपज मंडी सभी बड़ी व्यवसायिक गतिविधियां शहर से बाहर की जा रही हैं, जिससे यातायात व्यवस्थित रहे तो फिर ट्रान्सपोर्टों को बाहर क्यों नहीं किया जा सकता, यातायात सुगम होने से नागरिकों को दुर्घटनाओं से बचाया जा सकेगा, जनप्रतिनिधियों की मिली भगत और नगर प्रशासन की अनदेखी से अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। जनप्रतिनिधि लोकल को बढ़ावा देने के नाम पर अपने लोगों के माध्यम से खुद अतिक्रमण करवा रहे हैं, एक सप्ताह के भीतर उपरोक्त समस्याओं का निराकरण करने का कष्ट करें अन्यथा ऐसी स्थिति में उग्र आन्दोलन किया जावेगा जिसकी सारी जवाबदारी आपकी एवं जिला प्रशासन की होगी ।