“सुरों की शाम” में पं. संतोष नाहर और अनवर हुसैन ने दिया संगीत का अनोखा तोहफा
जबलपुर दर्पण । गुंजन कला सदन और महाकौशल शहीद स्मारक ट्रस्ट सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में “सुरों की शाम” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शहीद स्मारक भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में दिल्ली के मशहूर वायलिन वादक पं. संतोष कुमार नाहर और ग़ज़ल गायन के प्रसिद्ध नाम जनाब अनवर हुसैन ने अपनी प्रस्तुतियों से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पंडित संतोष कुमार नाहर की वायलिन की मधुर धुन और अनवर हुसैन की भावपूर्ण ग़ज़लों ने उपस्थित श्रोताओं के दिलों को छू लिया। इसके साथ ही मनोज पाटीदार और रामेश्वर सोनी के तबला वादन ने प्रस्तुतियों में ताल और रंग भर दिया। कार्यक्रम के दौरान संगीत प्रेमियों और अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। दीप प्रज्वलन के बाद अजय विश्नोई, विमलकांत येण्डे, एच. आर. पाण्डेय और राजेश दीवान जैसे अतिथियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर संगीत और संस्कृति की परंपरा के महत्व को लेकर भी चर्चा की गई । कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य व्यक्तियों ने जबलपुर को एक संगीत और कला प्रेमी शहर करार देते हुए कहा कि यह शहर अपनी सांस्कृतिक धरोहर के कारण संगीतधानी के रूप में विकसित हो रहा है। र्यक्रम का परिचय आलोक पाठक, राजेश पाठक और विक्रम परवार द्वारा दिया गया। इसके अलावा लायन नरेंद्र जैन ने संस्था के सदस्यों और उपस्थित दर्शकों से परिचय कराया। इस आयोजन में संस्थापक गौरीशंकर केसरवानी, सरदार गुरवचन सिंह चौपरा, नरेंद्र जैन “एनसी”, जादूगर एस.के. निगम, राजीव जैन, रमेश पुरसवानी और अन्य प्रमुख हस्तियों ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम का संचालन प्रतुल श्रीवास्तव द्वारा किया गया, जबकि कार्यक्रम के समापन पर विजय जायसवाल ने आभार व्यक्त किया। इस सफल आयोजन ने दर्शकों के बीच संगीत और ग़ज़ल की मधुरता को लेकर सुखद और अविस्मरणीय क्षणों का संचार किया। इस तरह के कार्यक्रम से जबलपुर के सांस्कृतिक परिदृश्य को नया जीवन मिलता है और कलाकारों के प्रयासों के लिए मंच उपलब्ध होता है।