अखिल भारतीय अभियंता संघ के आह्वान पर मध्य प्रदेश विद्युत मंडल संघ ने निजीकरण के विरोध में किया प्रदर्शन

जबलपुर दर्पण । अखिल भारतीय अभियंता संघ के आह्वान पर मध्य प्रदेश विद्युत मंडल संघ ने आज शक्ति भवन गेट के सामने एक बड़े प्रदर्शन का आयोजन किया। इस प्रदर्शन में मध्य प्रदेश के सैकड़ों अभियंता एकत्रित हुए और उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ सहित अन्य राज्यों में चल रही विद्युत क्षेत्र के निजीकरण की प्रक्रिया के विरोध में आवाज उठाई। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए, मध्य प्रदेश विद्युत मंडल संघ के महासचिव विकास कुमार शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों द्वारा निजीकरण के विरोध में आंदोलन चलाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने, लिखित समझौते को नजरअंदाज करते हुए, एकतरफा रूप से निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो पूरी तरह निंदनीय है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह प्रक्रिया जारी रहती है तो इससे उपभोक्ताओं को महंगी बिजली की दरों का सामना करना पड़ेगा। शुक्ला ने कहा कि जिस तरह से मुनाफे वाले विद्युत क्षेत्रों को निजी घरानों को सौंपने की तैयारी पूरे देश में चल रही है, उसे लेकर यह निर्णायक संघर्ष का समय है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भी जल्द ही विद्युत क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ रणनीति तैयार की जाएगी और इसके खिलाफ एकजुट संघर्ष छेड़ा जाएगा। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल संघ के महासचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि विद्युत निगमों के निजीकरण के खिलाफ संघ की विरोध की मुहिम जारी रहेगी। इसके अंतर्गत टीबीसीबी और ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से हो रहे निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। प्रदर्शन में सैकड़ों अभियंता उपस्थित रहे और उत्तर प्रदेश में चल रहे आंदोलन का समर्थन किया। इस मौके पर सभी अभियंताओं ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया कि वे मध्य प्रदेश में भी विद्युत क्षेत्र को बचाने के लिए साझा प्रयास करेंगे। यह प्रदर्शन और आंदोलन विद्युत क्षेत्र के निजीकरण को रोकने के लिए एक मजबूत कदम साबित होगा, और संघ ने सभी संबंधित संगठनों से अपील की है कि वे इस संघर्ष में एकजुट होकर योगदान दें।