वन विभाग की बड़ी कार्यवाही: तेंदुआ शिकार मामले में 5 अभियुक्त गिरफ्तार

जबलपुर दर्पण। परिक्षेत्र जबलपुर अंतर्गत बारहा वृत्त, पिपरीया बीट के कक्ष क्रमांक RF-244 में 1 फरवरी 2025 को मृत तेंदुआ पाया गया था, जिसके बाद वन विभाग ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। इसी मामले में आज 13 फरवरी 2025 को वन विभाग ने बड़ी कार्यवाही करते हुए पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।
मुख्य वन संरक्षक कमल अरोरा, वनमंडल अधिकारी ऋषि मिश्र, और उपवनमंडल अधिकारी पीके श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में वन परिक्षेत्र अधिकारी अपूर्व प्रखर शर्मा ने अपने सहयोगियों के साथ इस मामले में जांच की और अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में लखन कुलस्ते, सत्येंद्र बरकडे, राधेश्याम यादव, सुरेंद्र मरावी, और देवी सिंह शामिल हैं।
घटना के बाद वन विभाग की टीम ने आसपास के गांवों में पूछ-ताछ की और अभियुक्तों के घरों में सर्च वारंट के माध्यम से छापेमारी की। सर्च के दौरान करंट लगाने वाली तार, खूटी, और अन्य वन्य प्राणियों के अवशेष बरामद हुए, जिन्हें नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय में परीक्षण के लिए भेजा गया है। अभियुक्तों से पूछताछ में यह बात सामने आई कि वे तेंदुए का शिकार करने के लिए करंट का इस्तेमाल करते थे, और इससे पहले भी वे जंगली सुअर, खरगोश आदि का शिकार कर चुके थे। अभियुक्त सुरेंद्र मरावी ने यह भी स्वीकार किया कि उसने तेंदुए के नाखून निकालकर उन्हें नदी के पास छुपा दिया था। वन विभाग की टीम ने सुरेंद्र मरावी के साथ मिलकर ग्राम करौंधी स्थित नदी से पाँच नाखून बरामद किए, जिन्हें भी परीक्षण के लिए भेजा गया है। वन विभाग की टीम लगातार मामले की जांच कर रही है और अन्य अभियुक्तों और शिकार में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। शेष नाखूनों के लिए भी तलाशी जारी है।