आज विश्व सर्प दिवस है।
जबलपुर -यूं तो नाग पंचमी का दिन भारत में विशेष रूप से सांपों के लिए मनाया जाता है उस दिन नाग देवता की पूजा भी होती है और हमारे यहां नागों को नाहक ना मारने की परंपरा भी है।किंतु इसके बावजूद बहुत सारे ऐसे तत्व सर्प के विषय में हैं जो आम आदमी की जानकारी से परे हैं और उन्हें जानना बेहद जरूरी है ताकि सांपों की दुनिया से हम सभी भली प्रकार परिचित हो पाएं। भारत में सांपों को पूजा जाता है। भगवान शिव के गले में सांप लिपटे रहते हैं, भगवान विष्णु के सर का छत्र भी सर्प से ही बनता है और यह भी कहा जाता है कि पृथ्वी भी शेषनाग के फन पर टिकी हुई है। इन तमाम मान्यताओं ने इस बात को तो साबित किया है कि धार्मिक दृष्टिकोण से सांप का सनातन संस्कृति में क्या महत्व है। लेकिन वैज्ञानिक पहलू को यदि हम नजरअंदाज कर दें यह सांपों के प्रति बहुत बड़ा अन्याय होगा आइए दिवस पर कुछ रोचक जानकारियां आपके सामने प्रस्तुत हैं।
वर्ल्ड स्नेक डे :दूध पीने के बाद 90 फीसदी सांपों की मौत हो जाती है, सांप रंग और स्वाद नहीं समझ पाता है; गला सूखने पर दूध को पानी समझकर पी जाता है
ज्यादातर लोग सांप का नाम सुनते ही डरने लगते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि दुनिया भर में 2500 से ज्यादा तरह के सांप पाए जाते हैं। इनमें से केवल 20 प्रतिशत ही जहरीले होते हैं। भारत में लगभग 270 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा जहरीले सांप सिर्फ 4 ही प्रजाति के होते हैं। इनमें कोबरा करैत, रसेल वाइपर और सॉव स्केल्ड वाइपर शामिल हैं। लोग मानते हैं कि सांप इंसान को देखते ही काट लेते हैं, लेकिन सच बात यह है कि सांप भी हमसे उतना ही डरते हैं जितना हम सांप से डरते हैं। सांप सिर्फ अपनी आत्मरक्षा करने के लिए ही वार करते हैं और काटते है। हर साल 16 जुलाई को वर्ल्ड स्नेक डे मनाया जाता है। जानते हैं यह दिवस क्यों मनाया जाता है और सांप से जुड़ी वो बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं…
कैसे शुरू हुआ विश्व सर्प दिवस
इसकी शुरुआत टेक्सास से हुई। 1967 में सांप से जुड़ी एक फर्म यहां शुरू की गई जिसने लोगों को सांपों के बारे में जागरूक करना शुरू किया। सांपों से जुड़े लोगों के भ्रम दूर करने के लिए 16 जुलाई को विश्व सर्प दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। धीरे-धीरे ये काफी प्रचलित हुआ और जागरुकता बढ़ती गई।
सांप से जुड़े 4 सवाल
सवाल: कैसे पहचानें कि सांप ने काटा है?
जहां सांप ने काटा है वहां दो अगल-बगल निशान मिलेंगे। इसके आसपास लालिमा के साथ सूजन दिखती है। प्रभावित हिस्से में दर्द महसूस होने के अलावा सांस लेने में तकलीफ होती है। धुंधला दिखता है और पसीना अधिक निकलता है। सबसे खास बात मुंह से झाग निकलना शुरू हो जाता है।
सवाल: सांप के काटने पर इमरजेंसी में क्या करें?
सबसे पहले जिस हिस्से में काटा है उसे खुला छोड़ें। उस हिस्से पर कपड़ा या ज्वैलरी है तो हटाएं। सबसे जरूरी बात मरीज को ज्यादा हिलने-डुलने न दें। इससे जहर जल्दी और आसानी से शरीर में फैलता है। मरीज को चलने न दें। मौके पर सांप को पकड़ने की कोशिश न करें, संभव हो तो तस्वीर ले लें ताकि इसकी प्रजाति देखकर इलाज करने में आसानी हो सके।
सवाल: सांप के जहर से कब मौत नहीं होती है।
वाइल्ड लाइफ से जुड़े आशीष शर्मा के मुताबिक वेनम और पॉइजन में काफी फर्क होता है। पॉइजन को पीने पर मौत होने का खतरा रहता है लेकिन सांप का जहर यानी वेनम पीने पर मौत नहीं होती। अगर शरीर का अंदरूनी हिस्सा कहीं से डैमेज नहीं है तो ऐसा नहीं होता क्योंकि वेनम रक्त से नहीं मिल पाता, वहीं सांप के काटने पर वेनम सीधा रक्त में मिलकर पूरे शरीर में फैल जाता है।
सवाल: क्या सांप वाकई में दूध पीता है?
इंडियन सोयायटी फॉर वाइल्डलाइफ रिसर्च के मुताबिक दूध पीने के बाद 90 फीसदी सांपों की मौत हो जाती है। सांप एक रेप्टाइल यानी रेंगने वाला जीव है। दूध ज्यादातर सिर्फ स्तनधारी ही पीते हैं। सांप रंग और स्वाद को पहचान नहीं पाता है। कई बार गला सूखने के कारण पानी की तलाश करता है। इस दौरान दूध मिलने पर इसे पहचान नहीं पाता और पी जाता है। इसके शरीर में दूध आसानी से नहीं पचता और कई बार यही मौत का कारण बन जाता है।
दुनिया के 10 सबसे जहरीले सांप
- इनलैंड ताइपान : यह सांप दुनिया का सबसे जहरीला सांप है इसके डंक में इतना जहर होता है कि इसके एक डंक से 100 इंसान और ढाई लाख चूहे मर सकते हैं।
- इस्टर्न ब्राउन स्नेक : ये ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला बेहद जहरीला सांप है इसके जहर का 14000वां भाग भी एक इंसान को मौत के घाट उतारने के लिए काफी है।
- ब्लू करैत : दक्षिण-पूर्व एशिया और इंडोनेशिया में पाया जाने वाला यह जहरीला सांप अजीब प्रवृत्ति का होता है इसमें कोबरा से 12 गुना अधिक जहर होता है।
- ताइपान : यह सांप ऑस्ट्रिया के इलाकों में पाया जाता है इसके एक डंक में इतना जहर होता है काटने के एक घंटे के अंदर इंसान की मौत हो जाती है।
- ब्लैक माम्बा : यह बेहद जहरीला सांप है जो अफ्रीका में सबसे अधिक संख्या में पाया जाता है। यह 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भाग सकता है।
- टाइगर स्नेक : यह सांप भी काफी जहरीला होता है जो ऑस्ट्रिया के इलाकों में पाया जाता है। इसके काटने के 30 मिनट से लेकर 24 घंटे के अंदर मौत हो सकती है।
- फिलीपीन कोबरा : अगर कोबरा प्रजाति की बात करें तो इसमें यह सबसे जहरीला सांप होता है। यह 3 मीटर दूर से ही अपने शिकार पर जहर फेंक सकता है जिससे 30 मिनट के अंदर मौत हो सकती है।
- वाइपर : वैसे तो यह पूरी दुनिया में पाया जाता है लेकिन भारत, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया इलाकों में यह सबसे ज्यादा संख्या में पाया जाता है।
- डेथ ऐडर : यह खासकर ऑस्ट्रेलिया इलाकों में पाया जाता है। यह अपने शिकार को बहुत तेजी से अपने चपेट में लेता है। इसके काटने से 6 घंटे के अंदर ही शिकार मौत के घाट उतर जाता है।
- रैट्ल स्नेक: यह सांप अमेरिकी महाद्वीप में सबसे ज्यादा संख्या में पाया जाता है यह अपनी पूंछ के पिछले हिस्से से एक झुनझुने जैसी आवाज निकाल कर अपने होने का संकेत देता है।