नहर निर्माण अधूरा, कैसे मिलेगा किसानों काे पानी..
बारिश नहीं होने से धान की फसल को लेकर किसानों में चिंता
रमेश बर्मन सिहोरा/कूम्ही सतधारा।
बारिश नहीं होने से धान की फसल को लेकर किसानों को बड़ी चिंता हो रही है। बारिश नहीं होने के उपरांत किसानों को मात्र नहर के पानी का सहारा रह जाता है। नहर विभाग सौतेला व्यवहार कर कूम्ही क्षेत्र मै प्रतिवर्ष नहरों मै देर से पानी छोड़ा जाता है।
जबतक किसानों की फसलें कमजोर हो जाती है। सिहोरा और ढीमरखेड़ा तहसील सीमा के बीच निर्माण की गई पड़रिया सब माइनर से लगे गांव कछार गांव,नैयगवां, परसेल,घुघरा, कूम्ही, घुघरी, कुकर्रा, हरदी,महगवां, पड़रिया, कुल मिलाकर करीब पंद्रह सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में सच्चाई का प्रावधान बताया जाता है। परंतु नेहरों के अधूरा निर्माण होने से कुछ गांव के खेतों में पानी नहीं पहुंचने से फसलों की सिंचाई नहीं हो पाती है। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि पड़रिया सब माइनर करीब 8 किलोमीटर की लंबाई पर निर्माण होना था।
परंतु नहर का पूरा निर्माण नहीं हुआ है।जिससे कुल 15 सौ हेक्टेयर में से मात्र 8 सौ हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी मिलता है।शेष बचे गांव की नहर क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी खेतों तक नहीं पहुंच पाता है।
जिन गांव में पानी पहुंचने की संभावना है,उन आधा दर्जन गांव के किसानों ने करीब एक सप्ताह में लगातार कई बार फोन पर नहर विभाग के आला अधिकारियों से मौखिक बातचीत कर नहर में पानी छोड़ने की मांग कर रहे हैं। परंतु पड़रिया सब माइनर में आज तक पानी नहीं छोड़ा गया है। पड़रिया सब माइनर में पानी छोड़ने के लिए जयकुमार पांडे, ब्रजभूषण दुबे, मनीष व्यवहार, राकेश पटेल,अभिषेक गौतम,सीता पटेल,आदि बड़े किसानों ने पड़रिया सब माइनर में पानी छोड़ने की मांग किया है।
इनका कहना है
किसानों की सभी समस्याओं को पूरी तरह से सुना जाएगा । पड़रिया सबमाइनर में एक दो दिन के बीच नहर में पानी छोड़ने की व्यवस्था कीजा रही है।
चंद्र प्रताप गोहिल
एसडीएम, सिहोरा