15 सौ करोड़ के परियोजना में किसानों के साथ अनदेखी

खेतों से निकाली जा रही पाइप लाइन

रामनगर। जिले के पांच तहसीलों में पेयजल आपूर्ति के लिए चल रही 15 सौ करोड़ की परियोजना में किसानों को नही दिया जा रहा जमीन मुआबजा किसानों के बीच खेत मे गहरी खाई खोदकर डाले जा रहे है मोटे व्यास के पाइप निर्माण एजेंसी किसी को मुआबजा तो किसी को बगैर मुआबजा के लाइन निकाली जा रही है दबंग किसानों द्वारा विरोध किए जाने पर निर्माण एजेंसी चुपचाप भविष्य में मुआबजा दिए जाने का स्टाम्प पेपर में कर रहे है एग्रीमेंट
सरकार के नियमों की कंपनी कर रही अनदेखी
जिले के पांच तहसील रामनगर मैहर उचेहरा अमरपाटन रामपुर बघेलान के 1019 ग्रामो में बाणसागर बांध मार्कण्डेय घाट से पेयजल आपूर्ति के लिए जल निगम कंपनी के द्वारा पाइप लाइन पारेषण का कार्य किया जा रहा है यह परियोजना 15 सौ करोड़ की है पाइप लाइन डाले जाने के साथ साथ इंटेकवेल डब्लू टी पी और पानी की टंकी बनाये जाने का कार्य एल एंड टी कंपनी को ठेका मिला है। किसानों के खेतों से निकली जा रही पाइप लाइन के मुआबजा दिलाये जाने की लड़ाई लड़ने वाले राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के सुभाष पाण्डेय द्वारा बताया गया कि निर्माण एजेंसी मुआबजा देने के नाम पर आनाकानी कर रही है नियमो का हवाला देते है कि पाइप लाइन डाले जाने पर मुआबजा नही होता जबकि बगल में जल संसाधन विभाग की चल रही सिंचाई परियोजना में किसानों को बाजार मूल्य का 15 प्रतिशत दिया जा रहा है जबकि हकीकत यह है कि मध्यप्रदेश पाइप लाइन केबल डक्ट अधिनियम 2012 में जल मल आदि चीजों के पारेषण पर मुआबजा दिए जाने का प्रावधान है अधिकारी इस अधिनियम को अपने सुबिधा अनुसार परिभाषित कर रहे है श्री पाण्डेय यह भी सबाल उठा रहे है जिस स्थान से पाइप लाइन निकाली जाएगी उसके दोनों तरफ 10 से 20 मीटर की जमीन में किसान खेती के अलावा कोई कार्य नही कर सकेगा।
आयोग के पत्र को दबाया गया
किसानों के खेतों में पाइप लाइन डाले जाने पर किसानों की लड़ाई लड़ने वाले सुभाष पाण्डेय ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दिल्ली भेजी जिला प्रशासन को इस मामले में जबाब देने के निर्देश दिया गए। कलेक्टर कार्यालय ने इस मामले में रामनगर एस डी एम को नवंबर-2019 में पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी मगर इस मामले पर क्या कार्यावाही की गई। शिकायत कर्ता को अभी तक कोई जानकारी नही उपलब्ध कराई गई है। किसानों के खेतों में पाइप लाइन डाले जाने का कार्य जारी है।

इनका कहना है –
किसानों के खेतों में पाइप लाइन डाले जाने पर मुआबजा दिए जाने का प्रावधान है मगर नही मिला। इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से की गई है इसकी लड़ाई हम आगे भी लड़ते रहेंगें।
सुभाष पाण्डेय
किसान नेता सतना