मोहन भागवत करेंगे मध्य प्रदेश की समीक्षा।
जबलपुर दर्पण / भोपाल। कोरोना संकट के कारण साढ़े चार महीने से धीमी रही गतिविधियों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब फिर से गति देने की तैयारी कर रहा है। पहले चरण में सभी शीर्ष नेताओं के प्रवास कार्यक्रम इसी माह माह से प्रारंभ कर दिए गए हैं। वरिष्ठ प्रचारक देशभर के अलग-अलग प्रांतों में जाकर मौजूदा परिस्थितियों का आकलन करेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर समीक्षा करने के बाद दैनिक या औपचारिक गतिविधियों को प्रारंभ करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। भोपाल प्रवास के दौरान मध्य प्रदेश के दो प्रांतों की समीक्षा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत करेंगे।
गौरतलब है कि मार्च में बेंगलुरू में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक तो हुई थी, लेकिन कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण प्रतिनिधि सभा की बैठक नहीं हो सकी थी। तभी से संघ ने अपने सभी नेताओं को प्रवास और प्रत्यक्ष संपर्क करने से मना कर दिया था। दस अगस्त को होंगे नागपुर के लिए रवाना- डॉ. भागवत शनिवार रात को भोपाल पहुंचेंगे। रविवार को वे मध्य भारत और मालवा प्रांत की बैठक लेकर सोमवार (दस अगस्त) को नागपुर के लिए रवाना होंगे। इस बैठक में सिर्फ प्रांत प्रचारक, प्रांत संघचालक, प्रांत कार्यवाह और सहकार्यवाह ही शामिल होंगे। कोरोना गाइडलाइन और सुरक्षित शारीरिक दूरी के साथ करीब 10 लोग ही इस बैठक में मौजूद रहेंगे। कोरोना के साथ बदली कार्यशैली संघ सूत्रों के मुताबिक, कोरोना संकट के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी कार्यशैली में भी व्यापक बदलाव किए हैं। संगठन और गतिविधियों को विपरीत दौर में भी जीवंत बनाए रखने के लिए प्रतिदिन लगने वाली शाखा के स्थान पर ‘परिवार शाखा’ को विकल्प बनाया गया। इसमें स्वयंसेवक अपने परिवार के साथ घर पर ही शाखा लगा रहे हैं।
आपदा के दौर में संघ ने किए सेवा कार्य – संघ नेताओं का मानना है कि कोरोना काल में प्रत्यक्ष संपर्क संभव नहीं था, इसलिए संगठन की सक्रियता को बरकरार रखने के लिए सारे कार्यक्रम ऑनलाइन संचालित किए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ आपदा के दौर में स्वयंसेवकों ने देशभर में सेवा कार्य किए। घर लौट रहे मजदूरों को भोजन-पानी, परिवहन के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई। साथ ही समाज के हर वर्ग को जरूरत के हिसाब से मदद पहुंचाई गई। संघ नेताओं का मानना है कि संघ ने विपरीत माहौल में भी समाज को जोड़ने का काम किया है।
उपचुनाव पर भी हो सकती है चर्चा- मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने वाले हैं। ये सारी सीटें मध्य भारत और मालवा प्रांत में आती हैं। भागवत इन्हीं दोनों प्रांत की समीक्षा बैठक करने वाले हैं। संघ सूत्रों का कहना है कि वैसे तो संगठन की बैठकों में आमतौर पर चुनाव जैसे विषय शामिल नहीं किए जा सकते हैं, लेकिन संभावना है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर संघ में उपचुनाव की तैयारियों व मौजूदा परिस्थितियों पर विचार-विमर्श किया जा सकता है।