धान खरीदी केंद्रो पर लुटता किसान
नहीं दे पा रहे हैं मुख्यमंत्री इस ओर ध्यान – ग्रामीणों के किसान हैं परेशान
मनीष श्रीवास जबलपुर। जिले कि धान खरीदी केंद्रो पर किसानो से प्रति 40 किलो की भर्ती पर 41 किलो 200 ग्राम से लेकर 41 किलो 500 ग्राम धान की तोल कर के 40 किलो तोल की पर्चे दी जा रही है इसके अलावा केन्द द्वारा प्रति 40 किलो की कटी पर हमाली, तोल, एव वेयर हाउस मे धान रखने के नाम पर 30 से 35 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से किसानो से पैसा वसूला जा रहा है और ये सारा खेल शासन प्रशासन के अधिकारियों एव सोसाईटी के द्वारा किया जा रहा है । एक तरफ किसानो को सरकार के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वही दूसरी तरफ किसानों को खरीदी केंद्रो पर लूटा जा रहा है ।
जिस किसानो ने पैसा देने मे एव तोल 41 किलो 200 से 500 ग्राम तोल नही की तो सारे कानून उस किसान पर केंद्रो द्वारा लागू कर दिये जाते है । वहीँ किसान अपनी आवाज भी नही उठा सकता हैं एक तरफ केंद्र सरकार एव राज्य सरकार किसानो की आय दुगना करने की बात कर रही है और दुसरे तरफ किसानो की आय दुगना करने मे उनका प्रशासन ही रोडा बना हुआ है अब देखना होगा नये कृषि बिल से एव खरीदी केंद्रो से किसानो की कितनी आय दुगनी होती है ।
अभी तो धान खरीदी के चलते जहाँ किसानों के लिए दूर दराज बनाये गये ओपन कैम्प रखे हुए हैं उन कैम्पों में किसानों को बार दाना सहित अन्य व्यवस्था के चलते काफी परेशानियों को झेलना पड़ रही हैं । वहीं 10 किलोमीटर से लेकर 25 किलोमीटर तक किसान अपनी फसल को ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से उस स्थान तक लेकर जा रहा है और फिर नापतौल के साथ बारदानों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने से लेकर बन्द करने तक लगे रहना पड़ता हैं । जितने का माल नहीं होता उससे ज्यादा की मेहनत व समय की बर्बादी जरूर हो जाती हैं । इस ओर ज्यादा ध्यान न तो समिति प्रभारी देखते हैं और न ही कोई उच्च कर्मचारी दे पा रहा है ध्यान ।