5 करोड़ रूपये के नकली नोट के साथ अंतर्राज्यीय गिरोह के आठ आरोपी गिरफ्तार
बालाघाट। आदिवासी अंचल में भोले, भाले लोगांे के बीच नकली नोट चलाने और कथित झड़ती में मिले रूपये के दुगुने होने की लालच में नकली नोट खपाने वालो की मुखबिर से मिली जानकारी के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में बैहर एसडीओपी आईपीएस आदित्य मिश्रा की अगुवाही में बैहर पुलिस टीम ने पहले कुछ आरोपियों को पकड़ा। जिनके पास से पुलिस ने लगभग 8 लाख रूपये से ज्यादा की रकम जांच के दौरान बरामद की लेकिन जैसे ही मामले में पुलिस ने पूछताछ की तो नकली नोट का कनेक्शन पड़ोसी जिले महाराष्ट्र के गोंदिया से मिला। जिसके बाद जब पुलिस मामले की जांच में आगे बढ़ी तो उसके भी होश फाख्ता हो गये। क्योंकि नकली नोट का जखीरा लाखों में नहीं बल्कि करोड़ो में था। दो दिनों की सघन विवेचना के दौरान पुलिस ने बालाघाट जिले और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के दो लोगों के पास से 5 करोड़ रूपये के नकली नोट बरामद किये है।
दो हजार से लेकर पांच सौ, दो सौ, सौ, 50 से लेकर 10 रूपये तक के नोट है, जिसके बारे में बताया जाता है कि बड़े ही शातिराना तरीके से इसे छापा गया है, आसानी से इन नकली नोटों को पहचाना मुश्किल है, चूंकि जिस पेपर का उपयोग नकली नोट बनाने में किया गया है, वह पेपर उच्च क्वालिटी का है, खास बात यह है कि इसमें नोटो की प्रिटिंग और शब्दो की जगह रूपये अंको से लिखे है, जिससे यह नोट नकली जान पड़ते है। नकली नोट मामले में यह बालाघाट पुलिस की बड़ी उपलब्धि है, जिसका पुलिस ने रविवार 27 जून को आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने खुलासा किया। इस दौरान एडीएसपी गौतम सोलंकी भी मौजूद थे।
8 लाख के नकली नोटों से करोड़ों रूपये के नकली नोटों तक पहुंची पुलिस
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने नकली नोट मामले में की गई पुलिस कार्यवाही और बालाघाट एवं गोंदिया के पकड़ाये 8 आरोपियों के पास से 5 करोड़ रूपये के नकली नोटों को लेकर जानकारी मीडिया देते हुए बताया कि नकली नोटों को बैहर क्षेत्र में खपाने की जानकारी मिलने के बाद एसडीओपी बैहर, बैहर थाना पुलिस और मुखबिर की सूचना में रात में छापेमारी कर पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा। जिनके पास से पुलिस ने 8 लाख रूपये से ज्यादा के नकली नोट बरामद किये थे। जिसके बाद जब आरोपियों से पूछताछ की गई तो
गोंदिया से नकली नोट आरोपियों तक पहुंचाने की जानकारी मिली। जिसके बाद गोंदिया पुलिस की मदद से जिले के दो लोगों के पास से करोड़ो रूपये के नकली नोट मिले। अब पुलिस पकड़ाये गये आरोपियों के पास आये नकली नोटों के लिंक की जानकारी जुटाने में लगी है, चूंकि अब तक नोटों के छापने और नकली नोटो के सरगना को लेकर पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है। पुलिस अब इनके अन्य राज्यांे से जुड़े कनेक्शन का पता लगाने में जुटी है। साथ ही पुलिस नकली नोटों के विदेशी कनेक्शन को भी जांच के बिंदु में शामिल कर मामले की विवेचना कर रही है।
इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
जिले के बैहर पुलिस अनुविभाग के बैहर थाना में दर्ज 5 करोड़ के नकली नोट मामले में पुलिस ने अपराध क्रमांक 168/21 में धारा धारा 489क,ख,ग,घ,ड एवं 34 के तहत किरनापुर थाना अंतर्गत सेवती निवासी 25 वर्षीय राहुल पिता घनश्याम मेश्राम, रमगढ़ी निवासी 38 वर्षीय अनंतराम पिता जंगली पांचे, बिनोरा निवासी 33 वर्षीय हरिराम पिता रामेश्वर पांचे, रमगढ़ी निवासी 30 वर्षीय सोहनलाल पिता भजनलाल बिसेन, सेवती निवासी 30 वर्षीय हेमंत पिता आत्माराम उके, रूपझर थाना के उकवा चौकी अंतर्गत सोनपुरी निवासी 40 वर्षीय नान्हूलाल पिता किशनलाल विश्वकर्मा और महाराष्ट्र के गोंदिया जिला के दुगीपाट थाना अंतर्गत कनेरी निवासी 30 वर्षीय मुकरू उर्फ मुकेश पिता वकटु तवाड़े और गोरेगांव थाना अंतर्गत घुमर्रा निवासी 40 वर्षीय रामू उर्फ रामेश्वर पिता रंगलाल मौजे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस को तीन-चार और संदेहियों की जानकारी मिली है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच की जा रही है।
गोंदिया से मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के कई स्थानो में भेजे गये नकली नोट
बालाघाट पुलिस द्वारा 5 करोड़ के नकली नोटों के साथ पकड़ाये गये अंतर्राज्यीय गिरोह से पूछताछ और मामले की प्रारंभिक विवेचना में पता चला है कि नकली नोट को गोंदिया क्षेत्र से मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के कई स्थानो में भेजा गया है। चूंकि नकली नोट में बैंक के गलत नाम और शब्दो की जगह अंको की मायनर मिस्टेक के कारण आसानी से समझ नहीं आने वाले इन नकली नोटों को जिस तरह से खपाने का कार्य किया गया है, वह काफी बड़ा है, पुलिस की मानें तो अन्य राज्यों में भी नकली नोटों को खपाने की मामले की विवेचना के दौरान सामने आ सकती है और निकट भविष्य में मामले में और भी आरोपियों की गिरफ्तारी और नई जानकारी मिल सकती है।
लोगों से छल कर अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करना थी आरोपी की मंशा
नकली नोट मामले में पुलिस की अब तक जांच में यह सामने आया है कि नकली नोट खपाने वाले यह आरोपी लोगों को बेवकूप बनाकर और उनसे छल कर अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करना चाहते थे। जो पूरी योजनाबद्व तरीके से ऐसे क्षेत्र में नकली नोटों का चलाने का प्रयास कर रहे थे, जहां असली और नकली नोटों को लेकर लोगो में ज्यादा जागरूकता नहीं है। आशंका यह भी है कि कई नकली नोटो को आरोपियों ने चला भी दिया होगा। हालांकि इसकी कोई जानकारी पुलिस के पास नहीं है।
नोटो के पेपर की गुणवत्ता ने मामले में बढ़ाई दिलचस्पी
पुलिस की मानें तो आदिवासी क्षेत्र में भोले-भाले ग्रामीणों के बीच नकली नोट खपाने और कथित झड़ती के अंधविश्वास में नोट दुगुने और असली हो जाने का भ्रम दिखाकर नकली नोट खपाने वाले गिरोह के पास से मिले नकली नोटों के पेपर की गुणवत्ता काफी अच्छी बताई जा रही है, जो पेपर सामान्यतः आसानी से उपलब्ध नहीं होता है, जिसको लेकर पुलिस मामले को दिलचस्पी से लेकर जांच के दायरे को बढ़ाकर इसका पता करने में जुटी है। पुलिस की मानें तो नकली नोटों के मामले में एक बड़ी चेन हाथ लगी है। चूंकि अब तक पुलिस को नोट छापने और आने के लिंक की कोई जानकारी नहीं मिली है, जिससे पुलिस मामले में आरोपियों को रिमांड पर लेकर और पूछताछ करने में जुटी है ताकि इसके सरगना के साथ ही छपाई तक पुलिस पहुंच सके।
पुराने नोट के मामलो से भी जोड़कर पुलिस कर रही मामले की जांच
इस मामले में पुलिस नकली नोट की बड़ी बरामदगी के बाद मामले को गंभीरता से लेकर इसकी जांच में जुट गई है। पुलिस अधीक्षक की मानें तो नेट में सर्च के दौरान 2018 में प्रदेश सहित अन्य प्रदेशो में नकली नोट के सामने आये मामले और जिले में नकली नोट के पकड़ाये गये मामले को आपस में जोड़कर भी मामले की जांच की जा रही है, ताकि इस पूरे मामले की तह तक पहुंचा जा सके। हालांकि अब तक किसी भी नकली नोट के पूर्व के मामले से इनका कोई लिंक सामने नहीं आया है, लेकिन 5 करोड़ की बड़ी राशि के साथ पकड़ाये गये अंतर्राज्यीय गिरोह से पुलिस नकली नोट के बड़े कारोबार तक पहुंचने का मन बना चुकी है, ताकि अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे लोगों को बेनकाब किया जा सकें।